भूगोल के जनक/पिता- हिकेटियस
आधुनिक भूगोल का पिता- एलेक्जेंडर वाॅन हम्बोल्ट
ब्रह्मांड-
- अस्तित्वमान द्रवय एवं ऊर्जा के सम्मिलित रूप को ब्रह्मांड कहते है इसके अन्तर्गत सभी आकाशीय पिंडो, उल्काओं तथा समस्त सौरमंडल का अध्ययन किया जाता है।
- ब्रह्मांड को दे भागों में विभक्त किया गया है-
- वायुमण्डल
- अंतरिक्ष
- ब्रह्मांड की उत्पत्ति- प्रमुख रूप से दो परिकल्पनाएं है।
- सामान्य स्थिति सिद्धान्त- प्रतिपादक ऐब जाॅर्ज लेमेण्टर
- महा-विस्फोट सिद्धान्त- इसके प्रमुख रूप से दो सिद्धान्त है-
- निरन्तर उत्पत्ति का सिद्धान्त- इसके प्रतिपादन गोल्ड और हरमैन बाॅण्डी थे।
- संकुचन विमोचन का सिद्धान्त- डाॅ. ऐलन सैण्डैज प्रतिपादक
नोट- महाविस्फोटक सिद्धान्त को प्रयोग द्वारा सिद्ध करने के लिए 10 सितम्बर, 2008 को महाप्रयोग शुरू किया है। यह प्रयोग फ्रांस और स्विट्जरलैंड की सीमा पर स्थित 27 किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंग में किया जा रहा है।
- मशीन का नाम- लार्ज हेड्रोन कोलाइडर अब तक की सबसे बड़ी मशीन 27 किमी. लंबी है।
- प्रयोग करने वाली संस्था- यूरोपीय ऑर्गेनाईजेशन फाॅर न्यूक्लीयर रिसर्च- सर्न
- मुख्यालय- जेनेवा (स्विटरलैंड)
- प्रयोग का मुखिया- राॅबर्ट आइमर
पृथ्वी की गतियाँ
पृथ्वी सौरमंडल का एक ग्रह है इसकी दो गतियाँ है-
- घूर्णन अथवा दैनिक गति।
- परिक्रमण अथवा वार्षिक गति।
- घूर्णन अथवा दैनिक गति- पृथ्वी सदैव अपने अक्ष पर पश्चिमी से पूर्व लट्टू की भांति घूमती रहती है जिसे पृथ्वी का घूर्णन या परिभ्रमण कहते है। इसके कारण दिन व रात होते है। अतः इस गति को दैनिक गति भी कहते है।
- नक्षत्र दिवस- मध्याहन रेखा के ऊपर किसी निश्चित नक्षत्र के उत्तरोत्तर दो बार गुजरने के बीच की अवधि को नक्षत्र दिवस कहते है। यह 23 घंटे व 56 मिनट अवधि की होती है।
- सौर दिवस- जब सूर्य को गतिहीन मानकर पृथ्वी द्वारा उसके परिक्रमण की गणना दिवसों के रूप में की जाती है तब सौर दिवस ज्ञात होता है। इसकी अवधि पूरे 24 घंटे की होती है।
- परिक्रमण अथवा वार्षिक गति- पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर एक अंडाकार मार्ग पर 365 दिन तथा 6 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है। पृथ्वी के इस अंडाकार मार्ग को भू-कक्षा कहते है। पृथ्वी की इस गति को परिक्रमण या वार्षिक गति कहते है।
सूर्य तथा पृथ्वी की सापेक्ष स्थिति

- उपसौर- पृथ्वी जब सूर्य के अत्यधिक पास होती है तो इसे उपसौर कहते हैै ऐसी स्थिति 3 जनवरी को होती है।
- अपसौर- पृथ्वी जब सूर्य के अधिकतम दूरी पर होती है। तो इसे अपसौर कहते है। ऐसी स्थिति 4 जुलाई को होती है।
- दिन रात का छोटा व बड़ा होना- यदि पृथ्वी अपनी धुरी पर झुकी हुई न होती तो सर्वत्र दिन-रात बराबर होते। इसी प्रकार यदि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा न करती तो एक गोलार्द्ध में दिन सदा ही बड़े और रातें। छोटी रहती जबकि दूसरे गोलार्द्ध में रातें बड़ी और दिन छोटे होते। परंतु विषुवतरेखीय भाग को छोड़कर विश्व के अन्य सभी भागों में विभिन्न ऋतुओं में दिन-रात की लम्बाई में अंतर पाया जाता हैं विषुवत रेखा पर सदैव दिन-रात बराबर होते है क्योकि इसे प्रकाश वृत्त हमेशा दो बराबर भागों में बांटता है। अतः विषुवत रेखा का आधा भाग प्रत्येक स्थिति में प्रकाश प्राप्त करता है।
- पृथ्वी पर दिन और रात की स्थिति- 21 मार्च से 23 सितम्बर की अवधि में उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य का प्रकाश 12 घंटे या अधिक समय तक प्राप्त करता है। अतः यहाँ दिन बड़े एवं रातें छोटी होती है। जैसे-जैसे उत्तरी धु्रव पर तो दिन की अवधि छः महिने की होती है। 23 सितम्बर से 21 मार्च तक सूर्य का प्रकाश दक्षिणी गोलार्द्ध में 12 घंटे या अधिक समय तक प्राप्त होता है। जैसे-जैसे दक्षिणी धु्रव की ओर बढते है। दिन की अवधि भी बढती हैं दक्षिणी धु्रव पर इसी कारण छः महीने तक दिन व छः महीने तक रात रहती है।
- ऋतु परिवर्तन- पृथ्वी न सिर्फ अपने अक्ष पर घूमती है। सूर्य की परिक्रमा भी करती है। अतः पृथ्वी की सूर्य से आपेक्ष स्थितियां बदलती रहती है। पृथ्वी के परिक्रमण में चार मुख्य अवस्थाएं आती है। तथा इन अवस्थाओं में ऋतु परिवर्तन है।
सौरमंडल
- सूर्य एवं उसके चारों ओर भ्रमण करने वाले 8 ग्रह तथा 172 उपग्रह है।
- धूमकेतु, उल्काएं एवं क्षुद्रग्रह संयुक्त रूप से सौरमंडल कहलाते है। सूर्य जो कि सौरमंडल का जन्मदाता है। सूर्य एक तारा है। जो ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करता है। सूर्य की ऊर्जा का स्रोत, उसके केन्द्र में हाइड्रोजन परमाणुओं का नाभिकीय संलयन द्वारा हीलियम में बदलना है।
आकार के अनुसार ग्रहों का अवरोही क्रम-
- बृहस्पति
- शनि
- अरूण
- वरूण
- पृथ्वी
- शुक्र
- मंगल
- बुध
द्रव्यमान के अनुसार ग्रहों का अवरोही क्रम-
- बृहस्पति
- शनि
- वरूण
- अरूण
- पृथ्वी
- शुक्र
- मंगल
- बुध
घनत्व के अनुसार ग्रहों का अवरोही क्रम-
- बृहस्पति
- शनि
- वरूण
- अरूण
- पृथ्वी
- शुक्र
- मंगल
- बुध
टेरेस्ट्रीयल ग्रह-
- बुध
- शुक्र
- पृथ्वी
- मंगल
जोबियन ग्रह-
- बृहस्पति
- शनि
- अरूण
- वरूण
दूरी के अनुसार ग्रहों का आरोही क्रम-
- बुध
- शुक्र
- पृथ्वी
- मंगल
- बृहस्पति
- शनि
- अरूण
- वरूण
परिक्रमण अवधि के अनुसार ग्रहों का आरोही क्रम-
- बुध
- शुक्र
- पृथ्वी
- मंगल
- बृहस्पति
- शनि
- अरूण
- वरूण
- उलकाश्म व उल्कापिंड- अंतरिक्ष में तीव्र गति से घूमते हुए अत्यन्त सूक्ष्म ब्रह्मांडीय कण है। धूल व गैस निर्मित ये पिंड जब वायुमंडल में प्रवेश करते है। तो पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण के कारण तेजी से पृथ्वी की ओर आते है। तथा वायुमंडलीय घर्षण से चमकने लगते है। इन्हे टूटता हुआ तारा कहा जाता हैं प्रायः ये पृथ्वी पर पहुंचने से पूर्व ही जलकर राख हो जाते है जिन्हे उल्काश्म कहते है। परंतु कुछ पिंड वायुमंडल के घर्षण से पूर्णत जल नहीं पाते और कुछ चट्टानों के रूप में पृथ्वी पर आ गिरते है। जिन्हें उल्कापिंड कहा जाता है।
- पुच्छल या धूमकेतु- ये आकाशीय धूल, बर्फ और हिमानी गैसों के पिंड है, जो सूर्य से दूसर ठंडे व अंधेरे क्षेत्र में रहते है। सूर्य के चारों ओर से लंबी किन्तु अनियमित या असमकेन्द्रित कक्षा में घूमते है। अपनी कक्षा में घूमते हुए कई वर्षो के पश्चात अब से सूर्य के समीप से गुजरते है। तो गर्म होकर इनमें गैसों की फुहारें निकलती है। जो एक लंबी चमकीली पूंछ के समान प्रतीत होती है। यह 76 वर्षो के अंतराल के बाद दिखाई पडता है। अंतिम बार यह 1986 ई. में देखा गया था। अब 2062 में दिखाई देगा।
- सन् 1543 ई मे कॉपरनिकस ने सूर्य को विश्व/ब्रह्मांड का केन्द्र माना तथा बताया कि ग्रह इसकी परिक्रमा करते है। इससे पहले पृथ्वी को विश्व का केन्द्र माना जाता था। कॉपरनिक्स की विश्व मान्यता केवल सौर परिवार तक सीमित थी।
- गैलीलियों ने दूरबीन का अविष्कार किया।
- 1805 ई. में ब्रिटेन के हर्शेल ने दूरबीन की सहायता से अंतरिक्ष का अध्ययन कर बताया कि सौरमंडल आकाश गंगा का एक अंश मात्र है।
- 1925 ई. में एडविन पी. हबल ने बताय कि विश्व में हमारी आकाश गंगा की भांती लाखों अन्य आकाशगंगा (दुग्धखलाएं) है।
- मंदाकिनी- तारों का ऐसा समूह है जो धुंधला सा दिखाई पड़ता है। ब्रह्मांड करोड़ों मंदाकिनियों से मिलकर बना है। हमारी पृथ्वी की मंदाकिनी को आकाश गंगा/दुग्धमेखला कहते है। आकाश गंगा की सबसे नजदीकी मंदाकिनी देवयानी है।
- तारामंडल- तारों का एक विशिष्ट समूह होता है। इस समय लगभग 89 तारामंडल है। सबसे बड़ा तारामंडल सेन्ट्रॉरस है, जिसमें 94 तारें है। दूसरा बड़ा तारामंडल हाउड्रा जिसमें 68 तारे है।
- सूर्य- सूर्य सौरमंडल का प्रधान है। सूर्य एक तारा है जो प्रकाश तथा ऊष्मा प्रदान करता है। सूर्य का आयतन पृथ्वी से 13 लाख गुना, द्रव्यमान 333000 गुणा और व्यास 109 गुणा बड़ा है। सूर्य एक गैसीय गोला है। जिसमें हाइड्रोजन 71 प्रतिशत, हीलियम 26.5 प्रतिशत गैस है।
- सूर्य के केन्द्र का तापमान 2 करोड़ डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है एवं इसकी सतह का तापमान 6000 डिग्री सेंटीग्रेट है।
- सौर कलंक- सूर्य में विद्यमान काले रंग के धब्बे है। यह काले इसलिए दिखाई देते है क्योकि यहां पर सूर्य का तापमान सामान्य तापमान से 1500 डिग्री सेंटीग्रेट कम होता है।
- आंतरिक ग्रह- ये सूर्य के नजदीक व आकार में छोटे है किन्तु घनत्व अधिक होता है। इन्हें धरातलीय ग्रह भी कहते है- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल।
- बाह्य ग्रह- ये सूर्य से दूर व आकार में बड़े होते है किन्तु घन्तव कम होता है- बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण।
- मंगल- बृहस्पति के मध्य 2000 से अधिक छोटे-छोटे उपग्रह है जिन्हें अवान्तर/क्षुद्र ग्रह कहते है।
- पृथ्वी से ग्रहों की बढती दूरी- शुक्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण।
- आकार की दृष्टि से घटते (अवरोही) क्रम में- बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, बुध।
नोट- प्लूटो/यम- 24 अगस्त, 2006 को चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में इन्टरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन का सम्मेलन हुआ जिसमें प्लूटो की ग्रह की सदस्यता समाप्त कर दी। शामिल किया गया है। एरिस सबसे बड़ा ग्रह है।
क्षुद्र ग्रहों की नई प्लूटोइड- खगोलशास्त्रियों की अन्तर्राष्ट्रीय संस्था की आस्लों में जून 2008 में सम्पन्न हुई बैठक में यह निर्णय लिया। फिलहाल इसमें प्लूटों के अतिरिक्त एरिस को ही रखा है।
नासा द्वारा खोजा गया नया ग्रह- इसे 1987 में खोजा गया। पहले इसका नाम कारला रखा पिर सैदना, अब इसका नाम UB2003/313 है।
प्रकाश वर्ष-
- यह दूरी का मात्रक र्है ब्रह्मांड में तारे बहुत दूर-दूर स्थित है। इनकी दूरी को प्रकाश वर्ष में मापा जाता है।
- क्या है प्रकाश वर्ष- सूर्य के प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूी को एक प्रकाश वर्ष का मान 9.461 X 1012
नोट- पृथ्वी व मंगल ग्रह की परिभ्रमण अवधि लगभग समान हैं पृथ्वी व शनि अपने कक्ष पर झुकाव लगभग समान है।
- बृहस्पति की परिभ्रमण अवधि सबसे कम 9 घंटे 50 मिनट है अतः यहां पर सबसे छोटे दिन व रात होते है। परिभ्रमण की सर्वाधिक अवधि शुक्र 243 दिन है। अतः यहां पर सबसे बडे दिन व रात होते है।
- शुक्र व अरुण की घूर्णन दक्षिणावर्त (पूर्व से पश्चिम) होती है। अतः यहां पर सूर्याेदय पश्चिम दिशा में अस्त पूर्व दिशा में होता है।
बुध-
- यह सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है इसलिए सूर्य के परिक्रमा करने में भी सबसे कम समय 88 दिन लेता है।
- यह सबसे छोटा ग्रह है जिसका एक भी उपग्रह नहीं है।
शुक्र-
- पृथ्वी के सबसे निकट स्थित है। सबसे चमकीली एवं सबसे गर्म है।
- इसे सांझ का तारा व भोर का तारा भी कहते है।
- इसका घनत्व व आकार पृथ्वी के समान होने के कारण इसे पृथ्वी की बहिन भी कहते है।
ग्रह | सूर्य से दूरी (करोड़ km) | परिभ्रमण अवधि | परिक्रमण अवधि | कक्ष पर झुकाव | घनत्व (gm/cm2) | व्यास किमी. | उपग्रह |
बुध (Mercury) | 5.79 | 58.6 दिन | 88 दिन | 28o | 5.44 | 4899.6 | 0 |
शुक्र (Venus) | 10.82 | 243 दिन | 224.7 दिन | 3o | 5.245 | 12104 | 0 |
पृथ्वी (Earth) | 14.96 | 23 घंटे 56 मि. 4.09 सै. | 365.26 दिन | 23.5o | 5.517 | 12756 | 1 |
मंगल (Mars) | 22.79 | 24 घंटे 37 मि. 23 सै. | 687 दिन | 1.9o | 3.945 | 6787 | 2 |
बृहस्पति (Jupiter) | 77.83 | 9 घंटे 50 मि. 30 सै. | 11.86 वर्ष | 1.3o | 1.33 | 14280 | |
शनि (Saturh) | 142.70 | 10 घंटे 40 मि. | 29.50 वर्ष | 25o | 0.70 | 12050 | |
अरुण (Uranus) | 287.86 | 16 घंटे 10 मि. | 84 वर्ष | 98o | 1.17 | 51800 | |
वरुण (Neptune) | 499.66 | 10 घंटे | 165 वर्ष | 1.8o | 1.66 | 49500 |
मंगल-
- इसे लाल ग्रह कहा जाता है।
- यहां पृथ्वी के समान ऋतु परिवर्तन होता है। दिन का तापमान भी पृथ्वी के समान है।
- इसके दो उपग्रह फोबोस और डीमोस है।
- मंगल ग्रह पर अमेरिका की अंतरिक्ष ऐजेन्सी नासा द्वारा भेजा गया फीनिक्स नामक यान 25 मई, 2008 को मंगल ग्रह पहुंचा था।
बृहस्पति-
- यह सौरमंडल का सबसे बडा ग्रह है।
- बृहस्पति अपने अक्ष पर चक्कर लगाने मे सबसे कम समय 9 घंटे 40 मिनट का समय लेता हैं
- इसके उपग्रहों की संख्या 16 है।
- सबसे बडा उपग्रह गेनीमीड है जो कि ब्रह्मांड का भी सबसे बड़ा उपग्रह है।
शनि-
- यह दूसरा सबसे बडा ग्रह है
- इस ग्रह के चारों ओर वलय/छल्ले पाए जाते है। जिनकी संख्या 17 है।
- कुछ विद्वानों के अनुसार वलयों की संख्या 34 है।
अरुण-
- इसे हरा ग्रह भी कहते है।
- अरुण और शुक्र की घूर्णन की दिशा पूर्व से पश्चिम (दक्षिणावर्त) है।
- यह अपने अक्ष पर 98 डिग्री झुका हुआ है। अतः इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहते है।
- इसके 17 उपग्रह है।
वरुण-
- यह सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर स्थित है।
- इसके उपग्रहों की संख्या 8 है।
पृथ्वी-
- यह सौरमंडल का एकमात्र ग्रह है, कॉपर निकस ने पृथ्वी को गेंद के समान गोल बताया तथा उसके परिभ्रमण संबंधी प्रमाण भी दिए।
- न्यूटन ने पृथ्वी का नांरगी के समान गोल बताया जो दोनो धु्रवों पर चपटी है।
परिभ्रमण गति-
पृथ्वी अपने कक्ष पर 1610 किमी. प्रतिघंटा पश्चिम से पूर्व की ओर गति कर रही है जिसे परिभ्रमण गति कहते है। पृथ्वी अपना एक चक्र पूरा करने में 23 घंटे 4.09 सैकेण्ड का समय लगाती है।
परिभ्रमण गति के प्रभाव
- दिन-रात बनना
- मौसम परिवर्तन
- अपकेन्द्र बल का उत्पन्न होना
- सनातनी पवनों एवं समुद्री धाराओं की दिशा में परिवर्तन
परिक्रमण गति-
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 107160 किमी. प्रति घंटा की गति से चक्कर लगा रही है। पृथ्वी की इस गति को परिक्रमण गति कहते हैं पृथ्वी एक चक्कर पूरा करने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकण्ड का समय लेती है।
प्रभाव-
- दिन-रात छोटे बडे होना
- ऋतु परिवर्तन होना
- वर्ष (एक साल) बनना।
- अयनान्त का निर्धारण (कर्क व मकर रेखा का निर्धारण)
- सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्रॉक्सिमा सेन्चुरी है।
- पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री तथा कक्षा तल पर 66.5 डिग्री झुकी हुई है।
चन्द्रमा-
- यह पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह है।
- चन्द्रमा के संबंध में अध्ययन करने वाले विज्ञान को सेलेमोलॉजी कहा जाता है।
- पृथ्वी व चंद्रमा के मध्य अंतरिक्ष को सिसलूनर कहा जाता है।
- चंन्द्रमा की परिक्रमण अवधि एवं परिभ्रमण अवधि बिल्कुल समान है।
- इसी कारण हमें चंद्रमा का अधिकतक 59 प्रतिशत भाग ही दिखाई देता है।
ग्रहण-
- किसी की छाया का किसी पर पडना ही ग्रहण कहलाता है।
- जब सूर्य-चंद्रमा व पृथ्वी एक सीध में आते है।
- चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के मध्य में होगा तो सूर्यग्रहण होगा।
- SUN – MOON – EARTH सूर्यग्रहण – अमावस्य (युति)
- SUN – EARTH – MOON चंद्रगहण – पूर्णिमा (वियुति)
- एक वर्ष की अवधि में दोनो ग्रहणों को मिलाकर कुल सात ग्रहण होते है। सूर्यग्रहण कम से कम दो बार अवश्य होगा। चंद्रग्रहण अधिकतम पांच बार होता सकता है।
- चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी की तुलना में 6 गुना कम है। अतः वायुमंडल का अभाव है। यहां पर ध्वनि सुनाई नही देती है। चंद्रमा व पृथ्वी के मध्य औसत दूरी 384365 किमी. है।
- नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति थे जिसने चंद्रमा पर 21 जुलाई 1969 को कदम रखा।
- उपभू व अपभू- पृथ्वी से चंद्रमा की न्यूनतम दूरी उपभू 3.56 लाख किमी. तथा पृथ्वी की चन्द्रमा की बीच अधिकतम दूरी को अपभू 407000 किमी. है।
- भारत का मिशन चंद्रयान (प्रथम)- 22 अक्टूबर, 2008 को भारत ने सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र श्री हरिकोटा आंध्रप्रदेश से PSLVC-11 प्रक्षेपण यान द्वारा चन्द्रयान-प्रथम का प्रक्षेपण किया गया। भारत, रूस, अमेरिका, यूरोप, चीन व जापान के बाद चांद पर पहुंचने वाला छठा देश बन गया है।
- अक्षांश रेखा- भूपृष्ठ पर विषुवत रेखा/भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में याम्योत्तर पर किसी भी बिन्दु की कोणीय दूरी जो पृथ्वी के केन्द्र से नापी जाती है जिसे अंशों, मिनटों और सैकण्डों में व्यक्त की जाती है। अक्षांश कहलाती है।
- देशान्तर रेखा- 0 डिग्री ग्रीनविच रेखा के पूर्व या पश्चिम में याम्योत्तर पर किसी भी बिन्दु की कोणीय दूरी पर खींची गई रेखा को देशान्तर देखा कहते है।
- कुल देशान्तर रेखाओं की संख्या 360 है। पूर्व 180 डिग्री देशांतर रेखा व पश्चिम में 180 डिग्री देशांतर रेखाएं खींची गई है। 1 डिग्री देशांतर के बीच की दूरी भूमध्य रेखा पर 111.32 किमी. होती है जो धु्रवों पर शून्य हो जाती है।
- 1 डिग्री देशांतर की दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 मिनट का समय लगता है तथा 1 मिनट देशांतर की दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 सैकण्ड का समय लगता है अर्थात 1 डिग्री देशांतर से 2 डिग्री देशांतर रेखा पर सूर्य उदय होने में 4 मिनट का अंतर रहेगा।
- उदाहरण- राजस्थान का देशान्तरीय विस्तार 8 डिग्री 47 मिनट हैं अतः 8X4 = 32 मिनट व 47X4 = 188 सैकण्ड, 32 मिनट + 188 सैकण्ड = 35 मिनट 8 सैकण्ड।
- अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा- 180 डिग्री देशांतर रेखा के सहारे-सहारे खींची गई टेढ़ी-मेढ़ी रेखा को अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते है। इस रेखा को कुल आठ बार मोड़ा गया है। अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा 180 डिग्री को पांच बार क्रॉस करती है।
- जब कोई व्यक्ति इस रेखा को पश्चिम से पूर्व की ओर पार करता है तो एक दिन कम हो जाता है एवं जब पूव से पश्चिम की ओर पार करता है तो एक दिन बढ़ जाता है जैसे- पश्चिमी गोलार्द्ध में 31 दिसम्बर है, जब वह व्यक्ति पूर्व गोलार्द्ध में प्रवेश करेगा तो वहां दिनांक 2 जनवरी हो जायेगी। इस तरह उसके पास एक दिन कम हो जायेगा। तथा जब पूर्व से पश्चिम की ओर पार करेगा तो दिनांक पुनः 1 जनवरी ही होगी। इस तरह से 1 दिन बढ़ जायेगा।
- संक्रांति- सूर्य के उतरायण और दक्षिाायन की सीमा को संक्रांति कहते है।
कर्क संक्रांति- 21 जून
गोलार्द्ध | दिन | रात | ऋतु |
उत्तरी | बड़ा | छोटी | ग्रीष्म |
दक्षिणी | छोटा | बड़ी | शीत |

- कर्क संक्रांति- 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे बडा दिन व दक्षिणी गोलार्द्ध का सबसे छोआ दिन होता है।
- मकर संक्रांति- 22 दिसम्बर को दक्षिणी गोलार्द्ध का सबसे बडा दिन व उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे छोटा दिन होता है।
मकर संक्रांति- 22 दिसम्बर
गोलार्द्ध | दिन | रात | ऋतु |
उत्तरी | छोटा | बड़ी | शीत |
दक्षिणी | बड़ा | छोटी | ग्रीष्म |
विषुवत- 21 मार्च व 23 सितम्बर को सूर्य भूमध्य रेखा (विषुवत रेखा) पर लम्बवत चमकता हैं इस समय सम्पूर्ण पृथ्वी पर दिन व रात बराबर होते है।
ज्वार भाटा-
- महासागरों व सागरों के पानी का ऊपर उठना ज्वार कहलाता है। ऊपर उठे पानी का पुनः नीचे आना भटा कहलाता है।
- ज्वार भाटा के प्रकार-
- वृहत्/दीर्घ ज्वार- जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीध में होते है तो चंद्रमा और सूर्य के सम्मिलित आकर्षक बल पृथ्वी पर पडता है। अतः दीर्घ ज्वार आता है।
- युति की स्थिति-
- SUN – MOON – EARTH सूर्यग्रहण – अमावस्य
- वियुति की स्थिति-
- SUN – EARTH – MOON – पूर्णिमा
- लघु ज्वार- जब चंद्रमा और सूर्य पृथ्वी पर समकोण बनाते है। तो चंद्रमा और सूर्य का बल अलग-अलग दिशा में लगने के कारण लघु ज्वार आता है।
- उच्च भूमि (अपभू)- जब चंद्रमा और सूर्य पृथ्वी पर समकोण बनाते है। तो चंद्रमा और सूर्य का बल अलग-अलग दिशा में लगने के कारण लघु ज्वार आता है।
- निम्न भूमि (उपभू)- जब चंद्रमा पृथ्वी से न्यूनतम दूरी पर होता है तो दीर्घ ज्वार आता है।
- वृहत्/दीर्घ ज्वार- जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीध में होते है तो चंद्रमा और सूर्य के सम्मिलित आकर्षक बल पृथ्वी पर पडता है। अतः दीर्घ ज्वार आता है।
- एक ज्वार से ज्वार का अन्तर 12 घंटे 26 मिनट
- एक भाटा से भाटा का अन्तर 12 घंटे 26 मिनट
- एक ज्वार से भाटा का अन्तर 6 घंटे 13 मिनट
- ज्वार प्रतिदिन 52 मिनट की देरी से आता है।
- अप्रत्यक्ष ज्वार- पृथ्वी से अपकेन्द्रीय बल के कारण आता है।
पृथ्वी-
- सर्वप्रथम फर्दिनंद मैजेलन 1519 ई. में सिद्ध किया कि पृथ्वी गोल है।
- रूस के निवासी यूरी गागरिन विश्व के प्रथम अंतरिक्ष यात्री थे।
- राकेश शर्मा प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री (1984) है।
प्रमख शब्द-
- खाड़ी- जल भाग का ऐसा क्षेत्र है जिसके तीन ओर भूमि वाला भाग होता है उसे खाडी कहते है। जैसे बंगाल की खाडी।
- द्वीप- चारों ओर से घिरे छोटे-बड़े सील द्वीप कहलाते है।
- प्रायद्वीप- स्थल जो तीन ओर से जल से घिरे होते है, उसे प्रायद्वीप कहते है।

महाद्वीप
महाद्वीप कुल- 7
क्षेत्रफल | जनसंख्या | जनसंख्या घनत्व |
एशिया | एशिया | एशिया |
अफ्रीका | अफ्रीका | यूरोप |
उत्तरी अमेरिका | यूरोप | अफ्रीका |
दक्षिण अमेरिका | उत्तरी अमेरिका | उत्तरी अमेरिका |
अण्टार्कटिका | दक्षिण अमेरिका | दक्षिण अमेरिका |
यूरोप | आस्ट्रेलिया | आस्ट्रेलिया |
आस्ट्रेलिया | अंटार्कटिका |
एशिया महाद्वीप-
- सम्पूर्ण पृथ्वी की सतह पर 29.20 प्रतिशत भाग पर महाद्वीप फैले है। विश्व मे सात महाद्वीप है- एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, अंटार्कटिका, आस्ट्रेलिया।
- एशिया विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। लगभग एक तिहाई (30 प्रतिशत) क्षेत्र तथा लगभग आधे से अधिक 60 प्रतिशत जनसंख्या इस महाद्वीप में निवास करती है। इस महाद्वीप में 45 देश स्थित है।
- एशिया और यूरोप को अलग करने वाले यूराल पर्वत, यूराल नदी व केस्पीयन सागर है।
- विश्व को सर्वोच्च पर्वत शिखर माउण्ट एवरेस्ट 8848 मीटर है। (उपग्रह से प्राप्त नवीन आंकड़ों के अनुसार 8850 मीटर) यह चोटी नेपाल मे स्थित है। इसके अन्य नाम सागरमाथ या गौरीशंकर है।
- विश्व का सबसे ऊँचा पठार पामीर का पठार है (संसार की छत) जो मध्य एशिया के किर्गिजस्तान एवं कजाकिस्तान में स्थित है।
- विश्व की सबसे गहरी झील बैकाल झील रूस में है।
- विश्व की सबसे बड़ी झील कैस्पियन सागर (खारे पानी की) है।
- सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान मॉसिनराम (मेघालय, भारत) 1140 सेमी. वार्षिक वर्षा है।
- विश्व का ह्मसबसे ठंडा स्थान बरखोयान्स्क (रूस) में स्थित है। (फरवरी 1892 में -68oC)
- विश्व मे सबसे नीचा भू-भाग मृत सागर (समुद्र तल से 397 मीटर नीचे), इजराइल और जार्डन के पश्चिमी किनारे तक विस्तारित है।
- विश्व की सर्वाधिक लवणीय झील-लेक-वॉन (330 प्रतिशत) तर्की/तुर्की में स्थित है।
प्रमुख नदियाँ-
- यांगटिसीक्यांग- यह चीन की प्रमुख नदी है। और एशिया की सबसे बड़ी नदी है। यह नदी 5557 किमी. लंबी है। शंघाई, वुहान प्रमुख शहर है जो इस नदी के किनारे स्थित है।
- हवांग्हो नदी- इस नदी को चीन को शोक कहते है। इसे पीली नदी भी कहते है।
- मेकांग (मीकांग)- चीन, थाईलैंड व लाओस की प्राकृतिक सीमा बनाती है।
- दजला और फरात इराक की दो प्रमुख नदियाँ है।
- इरावती नदी म्यांमार में स्थित है। एशिया महाद्वीप को तीन प्रायद्वीपों में विभक्त करते है।
- अरब प्रायद्वीप (विश्व का सबसे बड़ा प्रायद्वीप)
- दकन का प्रायद्वीप
- इंडोचीन का प्रायद्वीप
- विश्व में इंडोनेशिया में सर्वाधिक ज्वालामुखी स्थित है।
- विश्व में जापान में सर्वाधिक भूकम्प आते है।
- भारत के उत्तर में हिमालय पर्वतमाला स्थित है।
अफ्रीका महाद्वीप-
- एशिया के बाद दूसरा महाद्वीप है। इसे अंधमहाद्वीप भी कहते है। इस महाद्वीप में 54 देश है। एकमात्र जिसमें से कर्क रेखा, भूमध्य रेखा मकर रेखा तथा ग्रीनविच रेखा (0ह् देशांतर) होकर गुजरती है। इस तरह अफ्रीका महाद्वीप चारों गोलाद्धों में स्थित है।
- विश्व का सबसे बड़ा मरुस्थल सहारा मरुस्थल है। इसकी विस्तार 84 लाख वर्ग किमी. है।
- विश्व की सबसे गर्म स्थान अल-अजीजीया (लीबिया) है।
- विश्व की सबसे लंबी नील नदी है। यह युगांडा – सूडान- मिस्र होते हुए भूमध्य सागर में गिरती है। इसकी लंबाई मंडी जोहांसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में है।
- वनों का देश कांगों गणराज्य को कहा जाता है। इस देश में सर्वाधिक वन पाये जाते है।
- स्वेज नहर 1869 में निर्मित की गई थी। यह मिस्र देश में स्थित है, यह नदी लाल सागर को भूमध्य सागर से जोडती है। इसकी कुल लंबाई 160 किमी. है। इस नहर का राष्ट्रीयकरण 1956 में किय गया था।
- भूमध्य सागर अफ्रीका को यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। मोरोक्क, अल्जीरियाख, लीबिया, ट्यूनीशिया व मिस्र आदि देशों की सीमाएं भूमध्य सागर से लगती है।
- जिब्राल्टर जल संधि अफ्रीका से यूरोप महाद्वीप को अलग करती है। तथा भूमध्य सागर को अटलांटिक महासागर से जोड़ती है। विक्टोरिया झील अफ्रीका महाद्वीप की सबसे बड़ी झील है। यह झील कैस्पियन सागर और सुपीरिय झील के बाद विश्व की तीसरी सबसे बडी झील है। यह झील युगांडा में स्थित है। इसी झील से नील नदी का उद्गम होता है।
- एटलस पर्वत अफ्रीका में मोरोक्को, अल्जीरिया और ट्यूनिशिया देशों में स्थित है।
- माउंट किलीमंजरों अफ्रीका की सर्वोच्च चोटी 5895 मीटर है जो कि तंजानिया में अवस्थित है। इस चोटी पर 15 अगस्त 2010 को चुरू के गौरव शर्मा व जयपुर के हरनाम सिंह ने तिरंगा फहराया।
- माउंट कैमरून अफ्रीका का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत है।
- रवांडा हजार पहाडियों का देश कहा जाता है।
उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप-
- इस महाद्वीप की खोज कोलम्बस (इटली का नाविक) ने सन् 1492 ई. में की थी। इसे नई दुनिया की संज्ञा भी दी गई है।
- कनाडा का वुड वुफेलों नेशनल पार्क विश्व का सबसे बडा पार्क है।
- विश्व का सबसे बडा कागज उद्योग मांट्रियल (कनाडा) में स्थित है।
- ताजे पानी (मीठे) की सबसे बड़ी झील सुपीरिय झील है। विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह न्यूयार्क (यू.एस.ए.) में स्थित है।
- विश्व की सबसे बडी मांस की मंडी शिकागों (यू.एस.ए.) में स्थित है।
- विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी हड़सन की खाड़ी (कनाडा) में स्थित है।
- विश्व की सबसे बड़ी द्वीप ग्रीनलैंड में स्थित है।
- विश्व की सबसे चौड़ी जल संधि डेविस जलसंधि है जो की बैफिन की खाड़ी और लेब्रोडोर सागर को जोड़ती है।
- प्रमुख पर्वत श्रृंखला- रॉकी, अलास्का, अप्लेशियन, बु्रकस, मेकेंजी, उत्तरी अमेरिका महाद्वीप की सर्वोच्च चोटी माउंट मेककिनले (अलास्का पर्वत) है।
- चिनूकी रॉकी पर्वत के पूर्वी ढालों पर बहने वाली गर्म हवा है।
- बेरिंग जल संधि उत्तरी अमेरिका के एशिया महाद्वीप से अलग करती है तथा बेरिंग सागर को आर्कटिक महासागर से जोड़ती है।
- पनामा स्थल संधि उत्तरी अमेरिका को दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप से जोड़ती है।
- पनामा नहर कैरीबियन सागर को प्रशांत महासागर से जोड़ती है।
दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप-
- इसे अरक्त महाद्वीप (पक्षियों का महाद्वीप) भी कहते है।
- विश्व का सबसे लंबी सतत् पर्वत श्रेणी एंडीज है।
- विश्व का सबसे लंबा समुद्री तटीय मैदान इसी महाद्वीप में स्थित है।
- विश्व की सर्वाधिक अपवाह क्षेत्र वाली नदी अमेजन (ब्राजील) में स्थित है।
- विश्व का सबसे ऊँचा जल प्रपात एंजिल (ऑरोनिको नदी) गुयाना देश में है।
- विश्व का सबसे सूखा मरुस्थल अटाकामा (चिली) है।
- विश्व में सर्वाधिक कहवा (कॉफी) उत्पादन करने वाला देश ब्राजील है।
- घास के मैदान सवाना (ब्राजील) में स्थित है, इस कंपोज तथा फ्रेंच गुयाना में इन्हे लानोज कहते है।
अंटार्कटिका महाद्वीप-
- यह जन शून्य र्है हमेशा हिमाच्छादित रहता है इसलिए श्वेत महाद्वीप भी कहा जाता है। इस महाद्वीप का विस्तार 75 डिग्री दक्षिणी अक्षांश से दक्षिण धु्रव तक है।
- सर्वाधिक वैज्ञानिक प्रयोग इसी महाद्वीप पर होते है। इसलिए इसे विज्ञान को समर्पित महाद्वीप भी कहते है। इस महाद्वीप की खोज एफ.वी. शॉसेन ने 1820 ई. में की थी।
- यहां 6 माह का दिन सितम्बर से फरवरी माह तक तथा 6 माह की रात मार्च से अगस्त माह तक होती है।
- दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाले प्रथम व्यक्ति एमंडसन (नार्वे 1911 ई.) थे।
- अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुंचने वाले प्रथम भारतीय रामचरण थे।
- दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले प्रथम भारतीय डॉ. गिरिराज सिरोही थे।
- भारत के अनुसंधान केन्द्र-
- दक्षिणी गंगोत्री 1984 जो 1987 मे बर्फ के नीचे दबकर नष्ट हो गया।
- मैत्री 1987
- भारती 2012 में स्थापित किए गए।
यूरोप महाद्वीप-
- रूस और तुर्की भौगोलिक रूप से यूरोप व एशिया दोनों महाद्वीप में स्थित है।
- विश्व का सबसे बड़ा भूमिगत रेलमार्ग लंदन (ब्रिटेन) पेरिस (फ्रांस) में स्थित है।
- विश्व में सबसे बड़ा शराब उत्पादक देश फ्रांस में स्थित है।
- विश्व की एकमात्र नदी डैन्यूब है जो आठ देशों से होकर गुजरती है।
- इस नदी का उद्गम जर्मनी से होकर यूरोप के पूरब में स्थित काला सागर में जाकर गिरती है।
प्रमुख पर्वत माला-
- कॉकेशस पर्वत माला काला सागर से कैस्पियन सागर तक फैलती है।
- जोलन पर्वतमाला नार्वे व स्वीडन देश में फैली है।
- बाल्कन पर्वत माला बुल्गारिया में स्थित है।
- यूरोप की सर्वोच्च पर्वत शिखर कॉकेशस पर्वत श्रेणी में एलबुर्ज है।
- यूरोप की प्रमुख नदियाँ सीन, लौयर, गरोन है।
- राइन नदी जर्मनी व स्विट्जरलैंड की प्रमुख नदी है।
- टेम्स/थेम्स ब्रिटेन की प्रमुख नदी लंदन शहर के मध्य से गुजरती है।
- वोल्गा नदी रूस में स्थित है। यह यूरोप की सबसे बड़ी नदी है जो कैस्पियन सागर में जाकर गिरती है।
- इटली विश्व का सर्वाधिक अंगूर व जैतून उत्पादक क्षेत्र (विश्व का अन्न भंडार) या (रोटी की डलिया) कहलाता है।
आस्ट्रेलिया महाद्वीप-
- आस्ट्रेलिया महाद्वीप की खोज का श्रेय ऐबेल तस्मान और जेम्स कुक को है। तस्मान ने 1742 ई. में आस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग का पता लगाया था। लेकिन संपूर्ण आस्ट्रेलिया संबंधी विस्तृत जानकारी देने का श्रेय जेम्स कुक को है।
- इस महाद्वीप के चारों ओर महासागर का विस्तार होने के कारण एस ओसिनीया महाद्वीप कहते है। यह विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप है। इसलिए इस द्वीपीय महाद्वीप भी कहते है।
- पर्वत ग्रेट डिवाइडिंग रेंज
- ग्रेट बेरियर रीफ विश्व की सबसे लंबी प्रवाल (मूंगे) की दीवार आस्ट्रेलिया के पूर्वी तटों के आसपास बनी हुई है।
- आस्ट्रेलिया महाद्वीप के उत्तर में ग्रेट सैंडी मरुस्थल व दक्षिण में ग्रेट विक्टोरिया मरुस्थल है। यहां विश्व प्रसिद्ध सोने की खानें कुलगार्डी व कालगूर्ली है।
- आस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी नदी मर्रे है, जिसकी प्रमुख सहायक नदी डार्लिग है।
- आस्ट्रेलिया की मैरिनो ऊन विश्व प्रसिद्ध है।
- 8वां महाद्वीप जीलैंडिया होगा- वैज्ञानिकों का मानना है कि 7 महाद्वीपों के अलावा 8वां महाद्वीप जीलैंडिया है जो न्यूजीलैण्ड के नीचे स्थित है इसका अधिकतर हिस्सा (94 प्रतिशत) दक्षिण प्रशान्त महासागर में डुबा हुआ है।