राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

चाक पूजना  विवाह के पूर्व महिलाओं द्वारा कुम्हार का चाक पूजा जाता है।

राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

मायरा  वर-वधू को उनकी माता के पीहर की तरफ से आर्थिक सहायता देना

राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

रीत सगाई के चार छः महिने बाद बेटी का बाप बेटे के बाप से रीत मंगवाता है जिसमें बेटी के जेवर, कपड़े, चूडियाँ, रिबन आदि होते है

राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

विनायक पूजन वर एवं वधू के परिवार द्वारा गणेशजी की स्थापना करना

राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

कांकन डोरा  बान के बाद वर के दाहिने हाथ में कांकन डोरा बांधना।

राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

जौसर जीवित रहते मृत्युभोज कराना।

राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

केसरिया प्रथा  राजपूत शासक पराजय की स्थिति में शत्रु के सामने केसरिया वस्त्र पहनकर युद्ध के मैदान में लड़ता था और अपने प्राणों की बलि दे देता था।

राजस्थान के रीति रिवाज एवं प्रथाऐं

जौहर प्रथा  जब राजपूत वीर योद्धा युद्ध में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो जाते थे तो महिलाऐं अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने के लिए सामूहिक रूप से अग्निकुंड या जलकुंड में कूदकर आत्महत्या करती थी

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