राजस्थान की पशु सम्पदा | Rajasthan ki Pashu Sampada

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Rajasthan ki Pashu Sampada
भारत में प्रथम पशु गणना दिसम्बर 1919 से अप्रैल 1920 के दौरान हुई थी।
राजस्थान पशुधन विकाश बोर्ड (RLDB)- जामडोली, जयपुर
  • राजस्थान में प्रथम पशु गणना –1951
  • राजस्थान में पशु पालन विभाग की स्थापना- 1957
  • सर्वाधिक पशु मेले- नागौर
  • राजस्थान में भैंस अनुसंधान केन्द्र- वल्लभ नगर (उदयपुर)
  • मुर्राह भैंस प्रजनन केन्द्र- कुम्भेर (भरतपुर)
  • सर्वाधिक दुध देनी वाली- मुर्राह
  • मादा जानवर का पुरस्कार जीत चुकी- जाफरावादी भैंस
  • सर्वाधिक वसा दुध में पाई जाती है- भदावरी
  • गधों का मेला- लूणियावास (जयपुर)
  • सर्वाधिक मुर्गियां- अजमेर
  • सर्वाधिक देशी मुर्गियां- बांसवाड़ा
  • राष्ट्रीय मुर्गी बीज उत्पादन फार्म- भीमपुर (बांसवाड़ा), मासिमपुर (कोटा)।
  • रानीखेत नामक रोग- मुर्गियों में
राजस्थान में वर्तमान में 50 पशु मेले आयोजित किये जाते है जिनमें 10 मेले राज्य स्तरीय, पशुपालन विभाग द्वारा लगते है।

गाय-

  • सांचोरी, राठी, नागौरी, (सुहालक प्रदेश) कांकरोज, मालाणी, गीर, मेवाती, हरियावणी।
  • थारपाकर राठी- सर्वाधिक दुध देने वाली
  • मालवी, सांचोरी- सबसे कम दुध देने वाली
  • गिर, कांकरेज- द्वि-प्रयोजनिय नस्ल
  • गिर, मालवी का प्रजनन केन्द्र- डग (झालावाड़)
  • थारपाकर प्रजनन केन्द्र- चान्दन गांव (जैसलमेर)

बकरी-

  • राजस्थान की सबसे प्राचीन नस्ल- वरुण बकरी, वरुण गांव (नागौर)
  • काजरी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित नस्ल जिसके सींग नही- शेखावटी बकरी
  • गरीब की गाय/राजस्थान का चलता-फिरता फ्रीज- बकरी
  • बकरी विकाश व चारा उत्पादन केन्द्र- रामसर, अजमेर (स्विजरलैण्ड की सहायता)
    • राजस्थान में बकरी की नस्ल- छः
      • जमनापुरी, बरवाड़ी, अलवरी (जखराना), सिरोही, लोही, झरवाड़ी।
      • राजस्थान में 1951 में कितने पशु चिकित्सालय थे- 147

भेड़-

  • देशी नस्ल के नाम से प्रसिद्ध- मालवी/मालपुरी
  • मगरा भेड़ की नस्ल- प्रतिवर्ष 2 किग्रा. ऊन
  • राजस्थान में सर्वाधिक भेड़े- मारवाड़ी नस्ल (45%)
  • भारत की मेरिनो- चोकला/शेखावाटी (1-1.5 किग्रा. ऊन)
  • चरते समय कान जमीन को स्पर्श करते है- सोनाड़ी/चनोथर भेड़

ऊँट-

  • सर्वाधिक ऊँट- बाड़मेर
  • सबसे कम ऊँट- प्रतापगढ़
  • सबसे तेज दौड़ने वाला ऊँट- जैसलमेरी
  • सवारी की दृष्टि से सबसे अच्छा ऊँट- गोमठ, फलोदी (जोधपुर)
  • हल जोतने व वजन ढ़ोने के लिए प्रसिद्ध ऊँट- बीकानेरी
  • ऊँटो का पालक- राईका (रेबाड़ी)
  • ऊँटों का देवता- पाबूजी
  • ऊँटो का मेला- बीकानेर
  • केन्द्रिय ऊँट प्रजनन केन्द्र- जोहड़बीड़, बीकानेर

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