जयपुर के महल –
- जयपुर की स्थापना 17 नवम्बर 1727 ई. को सवाई जयसिंह II द्वारा की गई जयपुर के उपनाम – भारत का पेरिस, गुलाबीनगर, रंग श्री द्वीप, Island of Glory
हवामहल (एयर दुर्ग)- (जयपुर)
- हवामहल का निर्माण 1799 ई. सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था। महल के प्रमुख वास्तुकार लाल चन्द उस्ता थे इस पांच मंजिलें महल में 953 खिडकियों है।
इस महल की आकृति मुकुट के आकार जैसी है, इसीलिए कर्नल जेम्स टॉड ने इस महल को कृष्ण का मुकुट कहा है।
पांच मंजिल क्रमशः- शरद महल
- रत्न महल
- विचित्र महल
- प्रकाश मंदिर
- हवामहल
मुबारक महल- (जयपुर)
- मुबारक महल सवाई माधोसिंह द्वितीय ने 1900 ई. में अतिथियों को ठहराने के लिए बनाया गया महल है जिसे स्वागत महल भी कहा जाता है।
- इस महल में मुगल, यूरोपीय तथा राजपूत स्थापत्य कला का अद्भूत समन्वय है।
चन्द्रमहल/सिटी पैलेस (जयपुर)-
- यह वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य द्वारा निर्मित महल है जो सात मंजिला है।
- महल की प्रथम मंजिल चन्द्रमहल, दूसरी मंजिल सुखनिवास (सुखकंवर के नाम पर) तीसरी मंजिल रंग मन्दिर, चौथी को शौभा निवास, पांचवी को छवीं, छट्टी को श्री निवास तथा सातवीं मंजिल को मुकुट मंदिर कहा जाता है।
- सिटी पैलेस में विश्व के सबसे बड़े चांदी के दो पात्र रखे हुए है।
आमेर महल- (जयपुर)
- 1599 ई. में राजा मानसिंह प्रथम ने बनवाया था।
- यह महल हिन्दु व मुगल स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण हैं।
नाहरगढ़ के नौ महल- (जयपुर)
- सवाई माधोसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित
- सूरजप्रकाश, जवाहर प्रकाश, ललित प्रकाश, चन्द्रप्रकाश, खुशहाल प्रकाश, रत्नप्रकाश, बसन्त प्रकाश, लक्ष्मी प्रकाश, आनन्द प्रकाश।
सामोद महल (जयपुर)-
- जयपुर से 40 किमी. दूर। इस महल का निर्माण राजा बिहारी दास ने करवाया था।
खेतडी महल- (झुंझुनू)
- खेतड़ी महल का निर्माण भूपालसिंह (1735-1771 ई.) ने करवाया था।
- इसे शेखावटी हवामहल भी कहा जाता है।
- इस महल की तुलना जयपुर के हवामहल एवं लखनऊ के भूल-भूलैया महल से की गई है।
उदयपुर महल- (उदयपुर)
- यह महल पिछोला झील की पाल पर बना है।
- इस महल का निर्माण राणा उदयसिंह ने करवाया।
- इस महल के बारे में फर्ग्यूसन ने लिखा है कि यह राजपुताने का सबसे बड़ा महल है जो लन्दन के विण्डर महल की तरह विशाल है।
करौली महल- (करौली)
- इस महल में सफेद चन्दन से महकने वाले 50 चन्दन के वृक्ष लगे हुए है।
राजमहल- (बूंदी)
- इस महल में प्राचीन समय की पानी की घड़ी लगी हुई है।
काष्ठ प्रासाद/रैन बसेरा- (झालावाड़)
- लकडी से निर्मित इस महल का निर्माण 1936 ई. में राजा राजेन्द्र सिंह ने करवाया था। जो 3500 वर्ग फीट में फैला हुआ है।
- छत्र विलास (कोटा) – महाराव दुर्गनशाल द्वारा निर्मित
तलहटी महल/मेहरानगढ़ (जोधपुर)-
- इस महल का निर्माण राजा सूरसिंह ने अपनी रानी सौभाग्य देवी के लिए करवाया था।
जसवंत थड़ा (जोधपुर)-
- इस महल का निर्माण 1906 ई. में राजा सरदार सिंह द्वारा करवाया गया था।
- यह महल सफेद संगमरमर से निर्मित एक भव्य इमारत है।
- इस इमारत को मारवाड का ताजमहल/राजस्थान का ताजमहल भी कहा जाता है
अबली मीणी का महल (कोटा)-
- इस महल का निर्माण मुकुंदसिंह ने अपनी प्रेमिका अबली मीणी के लिए करवाया। जिसे राजस्थान का दूसरा ताजमहल कहा जाता है।
एक थम्बा महल – मंडोर, जोधपुर
- इस महल का निर्माण महाराणा अजीतसिंह के शासनकाल में हुआ था।
- एक थम्बिया महल (डूंगरपुर)- गैवसागर झील के तट पर स्थित है। जिसका निर्माण शिवसिंह ने अपनी माता की स्मृति में बनवाया था।
- राई का बाग पैलेस – जोधपुर
- इसका निर्माण 1663 ई. में जसवंत सिंह प्रथम की हाडी रानी ने करवाया था सन् 1883 ई. में दयानन्द सरस्वती ने इसी महल में बैठकर राजा को उपदेश दिये थे।
- सुनहरी कोठी (टोंक)- सुनहरी कोठी का निर्माण 1824 ई. में नवाब वजीउद्दौला खां द्वारा करवाया गया था। इसका प्राचीन नाम जरनिगार था।
- मुबारक महल (टोंक)- यह महल ऊँट की कुर्बानी के लिए प्रसिद्ध है।
- उम्मेद भवन/छीत्तर पैलेस – जोधपुर
- 1929 ई. में महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित
- अजीत भवन (जोधपुर)- यह राजस्थान को पहला हेरिटेज होटल बना था।
- फतह महल (जोधपुर)- महाराजा अजीत सिंह द्वारा निर्मित
- मोती महल (जोधपुर)- महाराजा सूरसिंह द्वारा निर्मित
- फूल महल (जोधपुर)- महाराजा अभयसिंह द्वारा निर्मित
- श्रृंगार महल (जोधपुर)- महाराजा बख्तसिंह द्वारा निर्मित
- बीजोलाई महल (जोधपुर)- महाराजा तख्तसिंह द्वारा निर्मित
- कोटा का हवामहल (कोटा)- महाराव रामसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित
- लालगढ़़ महल (बीकानेर)- महाराजा गंगासिंह द्वारा निर्मित
- जगनिवास (उदयपुर)- 1746 ई. महाराणा जगतसिंह प्प् द्वारा निर्मित।
- जगमन्दिर पैलेस (उदयपुर)- इसका निर्माण महाराणा कर्णसिंह ने प्रारम्भ करवाया लेकिन कुछ समय पश्चात महाराणा जगतसिंह प्रथम ने पूर्ण करवाया था।
- शहजादा खुर्रम ने इस महल में शरण ली थी तथा 1857 ई. की क्रांति के समय नीमच से भाग कर आये अंग्रेजों ने शरण ली थी।
- सज्जनगढ़ पैलेस (उदयपुर)- इसका निर्माण कार्य महाराणा सज्जन सिंह ने प्रारम्भ करवाया लेकिन पूर्ण कार्य महाराणा भूपालसिंह के द्वारा किया गया।
- अन्य महल –
जूना महल | डूंगरपुर |
उदय विलास | डूंगरपुर |
शीश महल | जयपुर |
जल महल | जयपुर |
बादल महल | जैसलमेर |
अनूप महल | बीकानेर |
अभेड़ा महल | कोटा |
बनेड़ा महल | भीलवाडा |
गुलाब महल | कोटा |
केसर विलास | सिरोही |
रूठी रानी का महल | अजमेर |
मोती महल, फूल महल, श्रृंगार महल, फतह महल | जोधपुर |