कथा साहित्य और कविता साहित्य
- राजस्थान साहित्य अकादमी 1958 ई. में हुई।
- कन्हैयालाल सहल की पहली काव्य कृति का नाम प्रयोग है।
- हरीश भादानी की- वातायन, प्रकाश जैन- लहर, कमर मेवाड़ी- संबोधन।
- मेहता लज्जा राम का उपन्यास- धूर्त रसिक लाल (1899), रामप्रताप शर्मा- नरदेव।
- रांगेय राघव के उपन्यास- मुर्दो का टीला, कब तक पुकारूं, काका, धरती मेरा घर, आखिरी आवाज
- विश्वम्भर नाथ उपाध्याय- जाग मछन्दर, गोरख आया, जोगी मत जा
- मणि मधुकर- सफेद मेमने, पत्तों की बिरादरी, पिंजरे में पन्ना
- मोहर सिंह यादव- बंजर धरती
- अन्ना राम सुदामा- आंगन नदियां
- पानू खोलिया- सत्तर पार के शिखर, टूटे हुए सूर्य बिंब
- रमेश उपाध्याय- चक्रबद्ध, दण्डद्वीप, स्वप्नजीवी, हरे फूल की खुशबू
- मन्नू भण्डारी- महाभोज, आपका बण्टी,
- शरद देवड़ा- कॉलेज स्ट्रीट के नए मसीहा, टूटती इकाईयां
- स्वयंप्रकाश- ज्योतिरथ के सारथी, जलते जहाज पर, संधान, ईंधन
- अशोक शुक्ल- प्रोफेसर पुराण, हडताल हरिकथा, सेवा मीटर
- प्रभा सक्सेना- अन्तर्यात्रा, टुकड़ों में बंटा इन्द्रधनुष
- लवलीन- स्वप्न की रास्ता है
- हबीब कैफी- अनायक, गमना, रानी साहिबा, सफिया
- मालचन्द तिवाड़ी- पर्यायवाची
- हरिराम मीणा- धूणी तपे तीर
- मृदुला बिहारी- कुछ अनकही
- लता शर्मा- सही नाप के जूते
- मनीषा कुलश्रेष्ठ- शिगाफ
नाटक और रंगमंच
- राजस्थान के बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में बने झालावाड की विख्यात भवानी नाटयशाला, जयपुर के रामप्रकाश और मानप्रकाश थियटर
- प्रसिद्ध नाटककारो के नाम- शम्भू दयाल सक्सेना (पौराणिक कथानको को पश्चिमी तकनीक में प्रस्तुत करने का कौशल), वृद्धिचन्द माथुर (पारसी शैली नाटककार) और हरिनारायण मेघवाल
राजस्थान के प्रसिद्ध नाटककार
- नन्दकिशोर आचार्य- पागलघर, देहान्तर, गुलाम बादशाह, किसी और का सपना
- भानु भारती- चन्द्रमा उर्फ चमकू सिंह, कथा कही एक जले पेड़ में
- मणि मधुकर- रस गंधर्व, बुलबुल सराय, दुलारीबाई खेला पोलमपुर
- हमीदुल्ला- उलझी आकृतियां, एक और युद्ध, समय सन्दर्भ, कथा भारमली, उत्तर उर्वशी
- रिजवान जहीर उस्मान- सुन लड़की दबे पांव आते है सभी मौसम, लोमडियां, नमस्कार आज शुक्रवार है, कल्पना पिशाच
- स्वयंप्रकाश- घर कैद, फिनिक्स
- अन्य- सरताज माथुर, मंगल सक्सेना, राजानन्द, रणवीर सिंह, मदनमोहन माथुर, अर्जुन देव चारण, डी एन शैली, एस वासुदेव
साहित्यिक पत्रिकाएं
- उदयपुर से नन्द चतुर्वेदी आदि के संपादन में निकलने वाली बिन्दु
- अजमेर से प्रकाश जैन के सम्पादन में निकलने वाली लहर
- बीकानेर से हरीश भादानी द्वारा संपादित वातायन
- भीनमाल जैसे बहुत छोटे कस्बे से स्वयंप्रकाश और मोहन श्रोत्रिय के संपादन में निकलने वाली क्यों
- कांकरोली से कमर मेवाड़ी के सम्पादन में की पत्रिका शेष
- जयपुर से विजेन्द्र के सम्पादन में निकलने वाली कृति
- चन्द्रभानु भारद्वाज के सम्पादन में सम्प्रेषण
हिन्दी साहित्यकार
- माणिक्य लाल वर्मा- पद्म विभूषण
- हरिभाऊ उपाध्याय, गोकुल भाई भटट्, झाबरमल शर्मा, डॉ लक्ष्मीमल सिंघवी- पद्म भूषण
- मुनि जिन विजय, देवी लाल सामर, विजय दान देथा- पद्मश्री
- कोमल कोठारी को दो बार पद्म अलंकरणों (पद्मश्री और पद्मभूषण)
- सीताराम लालस (राजस्थानी शब्द कोश के रचनाकार), रानी लक्ष्मी कुमारी चूण्डावत, विजय दान देथा और डॉ. चन्द्र प्रकाश देवल- पद्मश्री
पुरस्कार व सम्मान
- राजस्थान साहित्य अकादमी का सर्वोच्च पुरस्कार- मीरा पुरस्कार
- सुधीन्द्र- काव्य के लिए
- रांगेय राघव- कथा, उपन्यास
- देवराज उपाध्याय- निबंध, आलोचना
- कन्हैयालाल सहल- विविध विधाएं
- सुमनेश जोशी- प्रथम प्रकाशित कृति पर
- शम्भूदयाल सक्सेना- बाल साहित्य
राजस्थानी साहित्य
- विजयदान देथा- वातां री फुलवाडी (13 खण्ड़)
- नन्द भारद्वाज- दौर अर दायरौ