Rajasthan ka Bhautik Swaroop | Physical Nature of Rajasthan

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Rajasthan ka Bhautik Swaroop

राजस्थान का भौतिक स्वरुप –

राजस्थान के भौतिक स्वरुप को चार भागों में विभक्त किया गया है।

  1. पश्चिम का रेतीला
  2. मध्यवृति अरावली प्रदेश
  3. पूर्व का मैदान
  4. दक्षिण पूर्वी का पठारी प्रदेश

पश्चिम का रेतीला मैदान-

  • पश्चिम का रेतीला मैदान अरावली पर्वतमाला के उत्तर पश्चिम व पश्चिम में पड़ता है।
  • पश्चिम के रेतीले मैदान का क्षेत्रफल 1,75,000 वर्ग किमी. है।
  • अरावली के पश्चिम में कुल 13 जिले पड़ते है जिनमें से सिरोही जिला मरुस्थल का भाग नहीं है।
    1. गंगानगर
    2. हनुमानगढ़
    3. बीकानेर
    4. चूरू
    5. झुंझुनूं
    6. सीकर
    7. बाड़मेर
    8. जैसलमेर
    9. जोधपुर
    10. पाली
    11. जालौर
    12. सिरोही
    13. नागौर
  • 12 जिलें मरुस्थल घोषित है।
  • पश्चिम का रेतीला मैदान सम्पूर्ण राजस्थान का कुल 61.11% भाग रखता है।
  • राज्य की 40% जनसंख्या निवास करती है।
  • इन प्रदेश का गर्मियों में औसत वार्षिक तापमान 45o से 48o सेल्सियस के मध्य रहता है व सर्दियों में -3o तक तापमान गिर जाता है व वार्षिक औसत वर्षा 20 से 30 सेन्टीमीटर तक होती है।
  • इस क्षेत्र में नदियां बहुत कम पाई जाती है व लूनी इस क्षेत्र की प्रमुख नदी है।
  • यहां की मुख्य फसलें ज्वार, बाजरा, मूंग, मोठ है।
  • यहां की मुुख्य वनस्पति- खेजड़ा, रोहिड़ा, केर व झाड़ियां आदि है।
  • रेतीला शुष्क मैदान राजस्थान के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित है। जहां रेत से बने बालूका स्तूप देखने को मिलते है जैसे- बरखान स्तूप, अनुदैर्ध्य स्तूप, अनुप्रस्थ स्तूप, पेराबोलिक स्तूप, तारा बालूका स्तूप, शब्र-काफीज बालूका स्तूप आदि मिलते है।
  • राजस्थान का एकमात्र जीवाश्म पार्क जैसलमेर (जो सम्पूर्ण मरुस्थलीय प्रदेश में एक बालूका रहित क्षेत्र है)
  • पथरीला मरुस्थल कहलाता है- हम्माद
  • रेतीला मरुस्थल कहलाता है- ईर्ग
  • थार का घड़ा- चान्दन नलकूप (जैसलमेर) जो मीठे पानी के लिए प्रसिद्ध है।
  • समगांव- पूर्णतया वनस्पति रहित क्षेत्र
  • घरियन- स्थानान्तरित बालूका स्तूप
  • पोवणा- विषैला सांप
  • भारत सरकार द्वारा पहला परमाणु परीक्षण- खेतोलाई पोकरण 18 मई 1974
  • दूसरा परमाणु परीक्षण पोकरण- 11 व 13 मई, 1998
  • लांगेवाला (जैसलमेर)- 1971-72 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी टैंकों की कब्रगाह के रुप में विख्यात हुआ था जहां पाकिस्तानी सेना के 80 टैंक नष्ट किये गये थे।

मध्य अरावली क्षेत्र-

  • यह राजस्थान में खेतड़ी से लेकर सिरोही तक श्रृंखलाबद्ध है।
  • अरावली की कुल लम्बाई 692 किमी.। राजस्थान में 550 किमी. है।
  • अरावली पर्वतमाला विश्व की सबसे प्राचीन एवं वलित पर्वतमाला है जो गौंडवाना लैण्ड का भू-भाग है।
  • अरावली राज्य में कुल भू-भाग के 9.1% क्षेत्र में फैली हुई है। जिसमें राज्य की 7% जनसंख्या निवास करती है।
  • अरावली पर्वत माला में राजस्थान के प्रमुख रुप से सात जिलें स्थित है सिरोही, उदयपुर, राजसमन्द, अजमेर, जयपुर, दौसा, अलवर।

अरावली की प्रमुख चोटियाँ एवं दर्रे

चोटी का नामऊँचाई
गुरु शिखर1722 मीटर
सेर1597 मीटर
देलवाड़ा1442 मीटर
जरगा1431 मीटर
अचलगढ़1380 मीटर
आबू1295 मीटर
कुम्भलगढ़1224 मीटर
रघुनाथगढ़1055 मीटर
ऋषिकेश1017 मीटर
कमलनाथ1001 मीटर
सज्जनगढ़938 मीटर
खो920 मीटर
तारागढ़870 मीटर
भैंराच792 मीटर
बबाई780 मीटर

प्रमुख दर्रे-

  • केवड़ा की नाल, शिवपुर घाट, देसूरी की नाल, मुर्रा घाट, दीवेर दर्रा, बर।
  • अरावली की समुद्रतल में ऊँचाई- 930 किमी.
  • अरावली का सर्वाधिक विस्तार- उदयपुर
  • न्यूनतम- अजमेर
  • चौड़ा भाग- गुजरात
  • सबसे ऊँचा भाग- सिरोही

पूर्वी मैदानी / पूर्व का मैदान-

  • यह राज्य के कुल क्षेत्रफल का 23.6% भाग रखता है जिसमें 40% जनसंख्या निवास करती है।
  • यह राज्य का सबसे उपजाऊ मैदान है जिसमें गेहूं, जौ, चना, सरसों, कपास प्रमुख फसल है।
  • राजस्थान का सबसे अधिक जनघनत्व इसी क्षेत्र में पाया जाता है।

दक्षिणी पूर्व का पठारी मैदान-

  • यह पठारी प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्र का 9.3% भाग रखता है जिसमें 13% जनसंख्या निवास करती है।
  • यह सापेक्षिक दृष्टि से राजस्थान का दक्षिणी पूर्वी भू-आकृतिक प्रदेश अस्पष्ट व अधर प्रवाह का क्षेत्र है।
  • हाड़ौती पठार के दो भाग है-
    • विन्ध्यन कगार भूमि
    • दक्कन लावा पठार
  • मुख्य वनस्पति- बांस, खैर, गुलर, धोंक, ढ़ाक, सागवान।
  • मिट्टी- काली व कछारी
  • हाड़ौती पठार की सबसे ऊँची चोटी शिखर सतूर (353 मी.) बूंदी
  • डग गंगधार का पठार- झालावाड़।

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