Ocean in Hindi |Mahasagar – World Geography

0
243
ocean in hindi

जलमण्डल-

  • पृथ्वी पर 21.8% भू-भाग पर स्थल व 78.2% भाग पर जल है।
  • जल की अधिकता के कारण पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहते है।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में 50% भाग पर स्थल है व 40% भाग पर जल है इसलिए इसे स्थलीय गोलार्द्ध की संज्ञा दी गई है।
  • दक्षिणी गोलार्द्ध में 19% भाग पर स्थल है व 81% भाग पर जल है। इसलिए इसे जलीय गोलार्द्ध की संज्ञा दी गई है।

महासागर- (क्षेत्र के अवरोही क्रम में)

  1. प्रशान्त महासागर- यह पैन्थालासा का अवशिष्ट भाग है इसकी आकृति त्रिभुजाकार है।
  2. अटलांटिक महासागर- इसकी आकृति अंग्रेजी के आकार की है।
  3. हिन्द महासागर- इसकी आकृति अंग्रेजी के M के आकार की है।
  4. आर्कटिक महासागर- इसकी आकृति अंग्रेजी के D आकार की है।

औसत गहराई के अवरोही क्रम में-

  1. प्रशान्त महासागर
  2. हिन्द महासागर
  3. अटलांटिक महासागर
  4. आर्कटिक महासागर
  • महाद्वीपों की औसत ऊँचाई 840 मीटर है। जबकि महासागरों की औसत गहराई 3808 मीटर है।
  • उच्चतादर्शी वक्र/उच्चतामितीय वक्र/ Hypsometric – इस वक्र के द्वारा स्थल खण्डों की ऊँचाई तथा महासागरीय उच्चावच की गहराई को प्रदर्शित किया जाता है।

महासागरीय उच्चावच-

  1. महाद्वीपीय मग्नतट-
    • इसे महाद्वीपीय शैल्फ या महाद्वीपीय छज्जा भी कहते है।
    • मग्न तट का 70 प्रतिशत भाग स्थल जात निक्षेपो से ढका रहता है।
    • विश्व के प्रमुख मत्स्यन केन्द्र इस तट पर होते है।
    • इस क्षेत्र में पैट्रोल खनन (पैट्रोन उत्पादन) की क्रिया होती है।
    • विश्व का सबसे चौडा मग्न तट साइबेरिया के तट (आर्कटिक महासागर) पर स्थित है।
    • विश्व का सबसे सकरा मग्न तट चिली तट (एण्डीज पर्वतमाला का तटीय क्षेत्र) व सुमात्रा का तट है।
    • मग्न तट का प्रादेशिक वितरण- (क्षेत्र में अवरोही क्रम में)
      • अटलांटिक महासागर
      • प्रशान्त महासागर
      • हिन्द महासागर
  2. शैल्फ अवकाश- यह मग्न तट व मग्न ढाल का मिलन बिन्दु होता है।
  3. महाद्वीपीय मग्न ढाल- यह मग्न तट व गंभीर सागरीय मैदान के मध्य तीव्र ढाल वाला भाग होता है।
    • मग्ल ढाल प्रादेशिक वितरण- (क्षेत्र के अवरोही क्रम में)
    • अटलांटिक महासागर
    • प्रशान्त महासागर
    • हिन्द महासागर
  4. महाद्वीपीय उभार-
    • यह महाद्वीपीय मग्न ढाल के आधार में स्थित होता है।
    • इसे महासागरीय क्रस्ट का प्रारम्भिक बिन्दु भी कहते है।
    • प्रशान्त महासागर में इसकी अनुपस्थिति पाई जाती है।
  5. अन्तः सागरीय कन्दराऐं (कैनियन)-
    • सामान्यतः महासागरों में महाद्वीपीय मग्न पट व मग्न दाल का सकरी, गहरी व तीव्र ढाल वाली घाटी को कैनियन कहते है।
    • विश्व की सबसे लम्बी कैनियन- बैरिंग कैनियन है।
  6. महासागरीय गर्त- महासागरीय गर्त ढाल होता है जिसके किनारे तीव्र ढाल वाले होते है।
    • महासागरीय तली का अधिकतम गहरा ढाल होता है जिसके किनारे तीव्र ढाल वाले होते है।
    • ये सामान्यतः मग्न दाल के आधार के आसपास पाये जाते है।
वर्तमान में विश्व में कुल 57 गर्तो की खोज हुई है।
  1. प्रशान्त महासागर- (32 गर्त) प्रशान्त महासागर में 32 गर्त है।
    • मैरियाना ट्रन्च/चैलैन्जर गर्त- यह विश्व का सबसे गहरा गर्त है।
    • अन्य गर्त- टोंगा गर्त, करमोडक गर्त
  2. अटलांटिक महासागर- (19 गर्त) इस महासागर में 19 गर्त है।
    • पोर्टोरिको गर्त- अटलांटिक महासागर का सबसे गहरा गर्त है।
    • अन्य गर्त- नरेस, रोमान्चे, वाल्डिविया गर्त
  3. हिन्द महासागर- (6 गर्त) इस महासागर में कुल 6 गर्त है।
    • डायमोण्टाना गर्त- सबसे गहरा गर्त है। (हिन्द महासागर)
    • अन्य गर्त- सुण्डा गर्त- जावा द्वीप के दक्षिण में स्थिति है।

स्थल से समुद्र की ओर उच्चावचों का क्रम-

  1. महाद्वीपीय मग्न तट
  2. अन्तः महासागरीय कैनियन
  3. शैल्फ अवकाश
  4. महाद्वीपीय मग्न ढाल
  5. महाद्वीपीय उभार
  6. महासागरीय गर्त
  7. गम्भीर सागरीय मैदान

गौण उच्चावच-

  1. समुद्री पर्वत- वह एकाकी पर्वत जो महासागरीय तली से 1000 मीटर ऊँचा हो उसे समुद्री पर्वत कहते है। इसका शीर्ष नुकीला होता है। यह सर्वाधिक प्रशान्त महासागर में पायें जाते है।
  2. गियोट/ग्युऑट- सपाट शीर्ष वाले समुद्री पर्वत गियोट कहलाते है।
    भारत का पूर्वी तट सकरा तथा पश्चिमी तट चौडा है। यह सर्वाधिक प्रशान्त महासागर में पाए जाते है।
  3. मध्य महासागरीय कटक-
    • प्लेटो के अपसरण के निर्मित कटक जो महासागरों के मध्य में पाई जाती है।
    • यह महासागरीय तली का सबसे नवीनतम भाग होता है।

अटलांटिक महासागर-

इसके प्रमुख कटक है।

  1. मध्य अटलांटिक कटक- S आकृति में आइसलैण्ड से बोवन द्वीप तक 14400 किमी. की लम्बाई में फैली हुई है।
    • यह विश्व की सबसे लम्बी महासागरीय कटक है।
    • इस कटक के विषुवत रेखा उत्तरी भाग को डाल्फिन कटक तथा विषुवत रेखा से दक्षिण भाग को चैलेन्जर कटक कहते है।
  2. विविल टामसन कटक- आइसलैण्ड से स्कॉटलैण्ड के मध्य की कटक का नाम है। उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित है।
  3. टेलीग्राफ्रिक का पठार- उत्तरी अटलांटिक में ग्रीनलैण्ड के दक्षिण में स्थित कटक का नाम है।
  4. वालिवस कटक (पालविस)- दक्षिण अटलांटिक में दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में स्थित कटक है।
  5. रियोग्राण्डे कटक/उभार- दक्षिण अटलांटिक में दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तटीय क्षेत्र में स्थित कटक है।

प्रशान्त महासागर-

इसके प्रमुख कटक है।

  1. पूर्वी प्रशान्त कटक- (अल्बेस्ट्रास का पठार) भी कहते है।
    • उत्तरी प्रशान्त महासागर में
  2. क्वीन्सलैण्ड का पठार- दक्षिण प्रशान्त ग्रेट बेरियन रीफ के पूर्व में स्थित कटक है।

हिन्द महासागर-

इसके प्रमुख कटक है।

  • लकादीव चाकोस कटक- अरब सागर में है (लक्षद्वीप में)
  • सेन्ट एमस्टेडम कटक- विषुवत रेखा के निकट है।
  • 90o पूर्वी कटक- 90o पूर्वी देशान्तर के साथ विस्तृत है। (दक्षिण हिन्द महासागर में)
  • कर गुलेनगास बर्ग कटक- 30o-30o दक्षिणी अक्षांशो के मध्य (दक्षिण हिन्द महासागर)

आर्कटिक महासागर-

इसके प्रमुख कटक है। लोमोनोसोव कटक- रूस में है।

महासागरीय तापमान-

  • महासागरीय जल का औसत तापमान 17.2oC (63oF) होता है।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में महासागरो का औसत तापमान 19.4oC (67oF) होता है जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में महासागरीय जल का औसत तापमान 16.1oC (61oF) होता है।
  • पृथ्वी का औसत तापमान 15oC

महासागरीय लवणता- प्रति हजार ग्राम जल में उपस्थित लवणता की मात्रा को महासागरीय लवणता कहते है।

महासागरीय वलणता के घटक-

  1. सोडियम क्लोराइड
  2. मैग्नेशियम क्लोराइड
  3. मैग्नेशियम सल्फेट
  4. कैल्शियम सल्फेट
  5. पोटेशियम सल्फेट
  • महासागरों में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला धन आयन (धनायन) सोडियम है।
  • महासागरों में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला ऋणायन- क्लोरीन है।
  • महासागरों में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला आयन- क्लोरीन है।
  • महासागरों की औसत लवणता- 35% (प्रति हजार ग्राम) होती है।
  • महासागरों में लवणता विषुवत रेखा से धु्रवों की ओर घटती है।
  • महासागरों में सर्वाधिक लवणता के निकट पाई जाती है।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में सर्वाधिक लवणता 28oN – 40oN अक्षांश के मध्य पाई जाती है।
  • दक्षिणी गोलार्द्ध में सर्वाधिक लवणता 10oS – 30oS अक्षांश के मध्य पाई जाती है।

आइसोहेलाइन (सम लवण रेखा)- महासागरों में पर स्थानों को मिलाने वाली रेखा है।

लवणता के अवरोही क्रम में महासागरों का क्रम-

  1. अटलांटिक महासागर- अटलांटिक महासागर उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित सारगैसों सागर में इस महासागर की सर्वाधिक लवणता पाई जाती है।
  2. हिन्द महासागर- (36%) अरबसागर में बंगाल की खाड़ी की तुलना में ज्यादा लवणता पाई जाती है।
  • ज्वारभाटा- सूर्य व चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति के कारण महासागरीय जल का नियमित उतार-चढाव ज्वारभाटा कहलाता है।
  • ज्वार का समय-
    • किसी स्थान पर अगले दिन ज्वार 24 घंटे 52 मिनट की देरी से आता है।
    • दो क्रमिक ज्वारों में 12 घंटे 52 मिनट का अन्तर होता है।
    • चन्द्रमा की घटाने, बढाने का ज्वार के समय पर कोई प्रभाव नहीं पडता है।
    • यदि चन्द्रमा की घूर्णन/परिभ्रमण गति को घटाने, बढाने का ज्वार के समय पर कोई प्रभाव नहीं पडता है।
    • यदि चन्द्रमा की परिक्रमण गति बढाते है तो ज्वार का समय बढ जाता है। अगले दिन 104 मिनट देरी से ज्वार आता है।
    • चन्द्रमा की परिक्रमण गति घटाने पर ज्वार का समय 12 घंटे 13 मिनट कम हो जायेगा।
    • यदि पृथ्वी की घूर्णन गति/परिभ्रमण को बढाया जाये तो ज्वार का समय कम हो जायेगा।
      • जैसे- घूर्णन गति दुगुना करने पर अगले दिन ज्वार 12 घंटे 26 मिनट देरी से आयेगा।
    • दीर्घ ज्वार का भाटा- यह अमावस्या व पूर्णिमा को आते है। जब सूर्य, चन्द्रमा व पृथ्वी एक सीध में होते है।
    • लघु ज्वार का भाटा- यह कृष्ण पक्ष व अष्टमी को आते है जब सूर्य, चन्द्रमा व पृथ्वी समकोणिक की स्थिति में होते है।
    • विश्व में प्रथम ज्वारीय ऊर्जा का केन्द्र- रैन्स घाटी (फ्रांस) में है।
    • विश्व में सबसे बडा ज्वारीय ऊर्जा का केन्द्र- शीवा झील (दक्षिण कोरिया) है।

अटलांटिक महासागर की धारायें-

  1. उत्तरी अटलांटिक महासागर की धारा-
    • उत्तरी विषुवत रेखीय धारा- गर्म धारा
    • एन्टलीज की धारा- गर्म धारा
    • गल्फस्ट्रीम की धारा- गर्म धारा
    • लैब्रोडोर की धारा- ठण्डी धारा
    • इरमिंगिर की धारा- गर्म धारा
    • रैनल की धारा- गर्म धारा
    • सारगैसो सागर व वरमुडा ट्राइंगल उत्तरी अटलांटिक में स्थित है।
    • प्रति विषुवत रेखीय धारा (गर्म धारा)- इसे गिनी की धारा भी कहते है।
  2. दक्षिणी अटलांटिक महासागर की धाराऐं-
    • दक्षिण विषुवत रेखीय धारा- गर्म धारा
    • ब्राजील की धारा- गर्म धारा
    • फॉकलैण्ड की धारा- ठण्डी धारा
    • दक्षिण अटलांटिक धारा- ठण्डी धारा
  3. प्रशान्त महासागर की धाराऐं-
    • उत्तरी प्रशान्त महासागर की धारा-
      • क्योशियो की धारा- गर्म धारा
      • सुशीमा की धारा- ठण्डी धारा
      • आयोशियो/क्युराइल की धारा- ठण्डी धारा
      • उत्तरी प्रशान्त धारा- गर्म धारा
      • कैलीफोर्निया की धारा- ठण्डी धारा
    • दक्षिणी प्रशान्त महासागर की धाराऐं-
      • पूर्वी ऑस्ट्रेलिया की धारा- गर्म धारा
      • दक्षिण प्रशान्त/अंटार्कटिक ड्रिफ्ट धारा- ठण्डी धारा
      • पेरू की धारा- ठण्डी धारा
      • अलनीनो धारा- गर्म धारा
      • लानीनो धारा- ठण्डी धारा
  4. हिन्द महासागर की धाराऐं-
    • उत्तरी हिन्द महासागर की धाराऐं-
      • उत्तरी-पूर्वी मानसून ड्रिफ्ट धारा- गर्म धारा (शीत ऋतु में चलती है) वामावर्त दिशा (पूर्व से पश्चिम दिशा में)
      • दक्षिणी पश्चिमी मानसून ड्रिफ्स धारा- गर्म धारा ग्रीष्म ऋतु में चलती है। (पश्चिम से पूर्व दिशा में चलती है।)
      • प्रतिविषुवत रेखीय धारा- गर्म धारा मात्र शीत ऋतु में प्रवाहित होती है। ग्रीष्म ऋतु में विलुप्त हो जाती है।
    • दक्षिण हिन्द महासागर की धाराऐं-
      • दक्षिण विषुवतीय धारा- गर्म धारा
      • मोजम्बिक की धारा- गर्म धारा (मेडागास्कर के पश्चिमी तट पर)
      • मेडागास्कर की धारा- गर्म धारा (मेडागास्कर का पूर्वी तट)
      • अगुलाहस की धारा- गर्म धारा
      • दक्षिण हिन्द/अंटार्कटिक- ठण्डी धारा

जलमण्डल

  • संसार का सबसे बड़ा महासागर- प्रशान्त महासागर
  • सबसे गहरा महासागर- प्रशान्त महासागर
  • मृतसागर स्थित है- जार्डन व सरिया के बीच
  • भारत सबसे ज्यादा समुद्र तट किस राज्य का है- गुजरात
  • आदम व्रिज मध्य में है- पाक स्ट्रेट व मन्नार की खाडी
  • पृथ्वी के धरातल पर कितने प्रतिशत जल है- 71 प्रतिशत
  • एक दिन में ज्वार भाटा कितनी बार आता है- दो बार
  • आन्तरिक सागर है- कैस्पियन सागर
  • सबसे गहरा महासागरीय गर्त है- मेरियाना गर्त उत्तरी प्रशान्त महासागर
  • ज्वार भाटा आने का कारण है- सूर्य व चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण
  • सागर जो चारों ओर से भूमि से घिरा हुआ है- कैस्पियन सागर
  • छिपता हुआ सागर (विनिशिंग ओशन) है- आर्कटिक महासागर
  • वह कौन सा सागर है जिसकी सीमायें तीन महाद्वीपों से मिलती है- भूमध्य सागर
  • उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के बीच कौनसा जलडमरू मध्य है- पनामा
  • समुद्र तल की क्षैतिज रेखा जिससे ऊँचाई तथा गहराई की माप होती है क्या कहलाती है- डेटम रेखा
  • बरमूडा त्रिशुल स्थित है- पश्चिमी उत्तरी अटालांटिक महासागर में

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here