History of Mughal Empire | Mugal Kal Ka Itihaas

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Mugal Kaal

मुगल साम्राज्य एवं उत्तरकालीन मुगल साम्राज्य (1526-1862 ई.)

Mugal Kal Ke Shasak-

क्र. सं.शासकशासनकाल
1.बाबर1526-1530 ई.
2.हुमायूँ1530-1540 ई. or 1555-1556 ई.
3.अकबर1556-1605 ई.
4.जहांगीर1605-1627 ई.
5.शाहजहाँ1627-1658 ई.
6.औरंगजेब1658-1707 ई.
7.बहादुरशाह प्रथम1707-1712 ई.
8.जहाँदार शाह1712-1713 ई.
9.फर्रूखसियर1713-1719 ई.
10.मुहम्मद शाह1719-1748 ई.
11.अहमदशाह1748-1754 ई.
12.आलमगीर द्वितीय1754-1759 ई.
13.शाहआलम द्वितीय1759-1806 ई.
14.अकबर द्वितीय1806-1837 ई.
15.बहादुरशाह जफर द्वितीय1837-1862 ई.

बाबर (1526-1530 ई.)

Babar
  • बाबर का जन्म 4 फरवरी, 1483 को फरगना में।
  • बाबर पितृ पक्ष की ओर से तैमूर का पाँचवां वंशज तथा मातृ पक्ष की ओर से चंगेज खां का चौदहवां वंशज था।
  • पिता की मृत्यु के बाद बाबर फरगना की गद्दी पर 1494 ई. में बैठा।
  • बाबर ने भारत पर पाँच बार आक्रमण किया।
  • बाबर को दौलत खां लोदी और आलम खां ने भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण दिया।
  • 21 अप्रैल, 1526 को बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ।
  • इस युद्ध में बाबर ने तुलगमा युद्ध पद्धति का प्रयोग किया जो उसने उजबेकों से सीखी थी।
  • 17 मार्च, 1527 को बाबर और राणा सांगा के मध्य खानवा का युद्ध हुआ।
  • 1528 में बाबर ने चंदेरी के युद्ध में मेदिनीराय का पराजित किया।
  • 6 मई 1529 को घाघरा के युद्ध में बाबर ने अफगानों को पराजित किया।
  • बाबर की मृत्यु 26 दिसम्बर 1530 को हुई।
  • बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा या तुजुक-ए-बाबरी तुर्की भाषा में लिखी।

हुमायूँ (1530-1540 ई.) (1555-1556 ई.)

  • बाबर के चार पुत्र थे- हुमायूँ, कामरान, अस्करी और हिंदाल
  • हुमायूँ 29 दिसम्बर या 30 दिसम्बर 1530 को आगरा में 23 वर्ष की अवस्था में सिंहासन पर बैठा।
  • 1533 ई. में हुमायूं ने ‘दीन पनाह‘ का निर्माण करवाया।
  • 29 जून, 1539 में शेर खाँ और हुमायूँ के बीच चौसा का युद्ध हुआ जिसमें हुमायूं की पराजय हुई।
  • इस युद्ध में विजय के पश्चात शेर खां ने ‘शेरशाह‘ की उपाधि धारण की।
  • 17 मई 1540 को हुमायूं और शेरशाह सूरी के बीच कन्नौज या बिलग्राम का युद्ध हुआ। जिसमें हुमायूं की पराजय हुई।
  • मार्च 1545 में हुमायूं ने काबुल और कन्धार पर अधिकार किया।
  • फरवरी 1555 में लाहौर पर अधिकार किया।
  • 15 मई 1555 को हुमायूं और नसीब खां एवं तातार खां के मध्य युद्ध हुआ। जिसमें हुमायूं ने पंजाब पर अधिकार कर लिया।
  • 23 जुलाई, 1555 को हुमायूं पुनः दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
  • 24 जनवरी 1556 को दीनपनाह में स्थित पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरकर मृत्यु हो गई।

शेरशाह सूरी (1540-1545 ई.)

  • सूर साम्राज्य का संस्थापक अफगान वंशीय शेरशाह सूरी था।
  • शेरशाह का जन्म 1472 ई. में बजवाड़ा (होशियारपुर) में हुआ था। इसके बचपन का नाम फरीद था।
  • शेर खां ने 1529 में बंगाल के शासक नुसरत शाह को पराजित करने के उपलक्ष्य में हजरत-ए-आला की उपाधि धारण की।
  • 1539 ई. में चैसा के युद्ध में हुमायूं को पराजित किया।
  • 1540 ई. में पुनः कन्नौज या बिलग्राम के युद्ध में हुमायूं को पराजित किया।
  • 1544 ई. में मारवाड़ के शासक मालदेव को सुमेल युद्ध में पराजित किया। इस युद्ध में शेरशाह सूरी को कहना पड़ा कि ‘‘एक मुटठी भर बाजरे के लिए मैं अपना सब कुछ खोने को तैयार था।‘‘
  • 1545 ई. में काजिंजर अभियान के दौरान मृत्यु हुई जिसका शासक कीरतसिंह था।
  • शेरशाह सूरी ने दो प्रमुख मुद्राऐं जारी की- चाँदी का 178 ग्रेन (180 ग्रेन) का रुपया तथा ताँबे का 380 ग्रेन का दाम।
  • शेरशाह ने 1700 सरायों का निर्माण करवाया।

अकबर (1556-1605 ई.)

  • 15 अक्टूबर 1542 को अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में अकबर का जन्म।
  • 14 फरवरी, 1556 को पंजाब के गुरदासपुर जिले के कलानौर में राज्याभिषेक।
  • 5 नवम्बर, 1556 को बैरम खां (अकबर की तरफ से) और हेमू विक्रमादित्य (बिहार के अफगान शासक मुहम्मद आदिलशाह का वजीर) के बीच पानीपत का द्वितीय युद्ध।
  • अकबर ने मालवा को 1561 ई. में संगीत प्रेमी बाज बहादुर से जीता। 1561 ई. में ही अकबर ने चुनार का किला जीता।
  • 1562 ई. में आमेर के राजा भारमल ने अकबर की अधीनता स्वीकार की।
  • 1564 ई. में अकबर ने गोंडवाना की रानी दुर्गावती का पराजित किया।
  • 1567 ई. में अकबर ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया।
  • अकबर ने 1571 ई. में फतेहपुर सीकरी को राजधानी बनाया।
  • अकबर ने 1573 ई. में गुजरात विजय के उपलक्ष्य में बुलन्द दरवाजा बनवाया।
  • 18 जून, 1576 को महाराणा प्रताप और राजा मानसिंह एवं आसफ खां के नेतृत्व वाली मुगल सेना के बीच हल्दीघाटी का प्रसिद्ध युद्ध हुआ।
  • 1601 ई. में अकर ने असीरगढ़ के किले को जीता जो उसकी अन्तिम विजय थी।
  • 25 अक्टूबर, 1605 को अकबर की मृत्यु हुई।

जहाँगीर (1605-1627 ई.)

  • जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त, 1569 को हुआ। इनका वास्तविक नाम सुल्तान मुहम्मद सलीम था।
  • 1585 ई. में सलीम का विवाह आमेर के राजा भगवान दास की पुत्री मानबाई से हुआ।
  • जहाँगीर ने 1602 ई. में ओरछा सरदार वीर सिंह बुन्देला की सहायता से अबुल फजल की हत्या करवा दी।
  • सलीम का राज्याभिषेक 3 नवम्बर, 1605 को आगरा के किले में हुआ।
  • जहाँगीर ने ‘न्याय की प्रसिद्ध जंजीर‘ लगवाई (इसमें 60 घंटियां) जिससे न्यायप्रार्थी बिना किसी की सहायता से घंटी बजाकर सीधे सम्राट से फरियाद कर सके।
  • 1615 ई. में जहाँगीर ने मेवाड़ के राणा अमरसिंह से संधि के द्वारा मुगल आधिपत्य स्वीकार करवाया।
  • जहाँगीर के दरबार में ब्रिटिश दूत कैप्टन हाॅकिंस (1608 ई.) और सर टाॅमस रो (1615-18) आए।
  • जहाँगीर ने अपनी आत्मकथा जहाँगीरनामा या तुजुक-ए-जहाँगीरी की रचना फारसी में की।
  • 1627 ई. में जहाँगीर की मृत्यु हुई।

शाहजहाँ (1627-1658 ई.)

  • शाहजहाँ का जन्म लाहौर में 5 जनवरी, 1592 को हुआ।
  • इसके बचपन का नाम खुर्रम था।
  • 1612 ई. में शाहजहाँ का विवाह आखफ खां की पुत्री अर्जुमन्द बानो बेगम (मुमताज महल) से हुआ।
  • 1632 ई. में शाहजहाँ ने हुगली स्थित पुर्तगालियों के विरूद्ध अभियान छेड़ा व पुर्तगाली पराजित हुए।
  • शाहजहाँ के शासनकाल (1630-32 ई.) में भयंकर अकाल पड़ा जिसका वर्णन पीटर मुण्डी ने किया।
  • सितंबर 1657 ई. में औरंगजेब ने शाहजहाँ को पकड़कर आगरा के किले में कैद कर लिया जहाँ 1666 ई. में शाहजहाँ की मृत्यु हो गई।

औरंगजेब (1658-1707 ई.)

  • मुदीउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब का जन्म 3 नवम्बर, 1618 को उज्जैन के निकट दोहद नामक स्थान पर हुआ।
  • 21 जुलाई, 1658 का औरंगजेब का प्रथम राज्याभिषेक हुआ और ‘अबुल मुजफ्फर आलमगीर‘ की उपाधि धारण की। 5 जून 1659 को औरंगजेब का पुनः राज्याभिषेक हुआ।
  • औरंगजेब को ‘जिन्दापीर‘ और ‘शाही दरवेश‘ भी कहा जाता है।
  • 1663 ई. में औरंगजेब ने सती प्रथा पर प्रतिबन्ध लगा दिया तथा हिन्दुओं पर तीर्थयात्रा कर लगाया।
  • औरंगजेब ने मारवाड़ को मुगल साम्राज्य में मिलाने का प्रयास किया जिसके फलस्वरूप मारवाड़ और मुगलों के बीच ‘तीस वर्षीय युद्ध‘ (1679-1709 ई.) हुआ।
  • 1686 में औरंगजेब ने अंग्रेजों को हुगली मे परास्त करके बाहर खदेड़ दिया।
  • 1707 ई. में अहमदनगर में औरंगजेब की मृत्यु हो गई।

बहादुरशाह प्रथम (1707-1712 ई.)

  • मुहम्मद मुहज्जम बहादुरशाह के नाम से गद्दी पर बैठा।
  • उसने शम्भाजी के पुत्र शाहू को रिहा कर दिया।
  • सिक्ख नेता बंदाबहादुर से संघर्ष।
  • ‘शाही बेखबर‘ के नाम से प्रसिद्ध।
  • सर सिडनी ओवन के अनुसार ‘‘वह अन्तिम बादशाह था जिसके विषय में कोई अच्छी बात कही जा सकती है।‘‘

जहाँदार शाह (1712-13 ई.)

  • जहाँदार शाह ईरानी दल के नेता जुल्फिकार खां की मदद से सिंहासन पर बैठा।
  • इतिहास में ‘लम्पट मूर्ख‘ के नाम से प्रसिद्ध।
  • आमेर के जयसिंह को मिर्जा राजा सवाई तथा मारवाड़ के अजीत सिंह को महाराजा की उपाधि प्रदान की।

फर्रुखसियर (1713-1719 ई.)

  • फर्रुखसियर 1713 में सैय्यद बन्धुओं (अब्दुल्ला खां और हुसैन अली खां) की सहायता से शासक बना।
  • फर्रुखसियर इतिहास में ‘घृणित कायर‘ के नाम से प्रसिद्ध था।

मुहम्मद शाह (1719-48 ई.)

  • सैय्यद बंधुओ ने जहानशाह के 18 वर्षीय पुत्र रोशन अख्तर को मुहम्मद शाह की उपाधि प्रदान कर गद्दी पर बैठाया।
  • विलासितापूर्ण प्रवृत्ति के कारण ‘रंगीला‘ के नाम से प्रसिद्ध।

अहमदशाह (1748-1754 ई.)

  • अहमदशाह की माता एक नृत्यांगना उधमबाई थी।
  • शासन की बागडोर उधमबाई एवं उसके प्रेमी जावेद खां के हाथों में थी।

आलमगीर द्वितीय (1754-1759 ई.)

  • मुगल वजीर इमाद-उल-मुल्क ने मुगल सम्राट अहमदशाह को अंधा कर उसके स्थान पर आलमगीर द्वितीय को सिंहासन पर सत्तारूढ़ किया।

शाहआलम द्वितीय (1759-1806 ई.)

  • शाहआलम द्वितीय का वास्तविक नाम अलीगौहर था।
  • 22 अक्टूबर, 1764 ई. को मीर कासिम और अवध के शुजाउद्दौला के साथ मिलकर अंग्रेजों के विरूद्ध बक्सर की लड़ाई हुई।

अकबर द्वितीय (1806-37 ई.)

  • अंग्रेजों के संरक्षण में बनने वाला प्रथम मुगल बादशाह था।

बहादुरशाह जफर द्वितीय (1837-1862 ई.)

  • Mugal Kal Ka Antim Shasak बहादुर शाह द्वितीय था।
  • 1862 ई. में रंगून में ही उसकी मृत्यु हो गई।
  • इसे शायरी का बड़ा शौक था।

मुगल चित्रकला- Mugal Kaal Ki Chitrakala

  • हुमायूं ने अफगानिस्तान और फारस में अपने प्रवास के दौरान मीर सैय्यद अली और अब्दुस्समद नामक ईरानी चित्रकारों की सेवाएं प्राप्त की।
  • मीर सैय्यद अली हेरात के प्रसिद्ध चित्रकार बिहजाद (पूर्व का रैफेल) का शिष्य था।
  • जहांगीर का काल चित्रकला का स्वर्णकाल कहलाता है
  • जहांगीर के काल में बिशनदास ‘अग्रणी चित्रकार‘ तथा उस्ताद मंसूर ‘सर्वोत्कृष्ट चित्रकार‘ थे।

बाबर- Babur

  • बाबर ने पानीपत की काबुली बाग की मस्जिद, रुहेलखण्ड में सम्भल की जामी मस्जिद तथा अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करवाया।
  • बाबर ने नूर अफगान या आरामबाग नामक बाग का निर्माण आगरा में करवाया था।

हुमायूं- Humayun

  • हुमायूं ने 1553 ई. में दिल्ली में दीनपनाह नामक महल का निर्माण करवाया।
  • हुमायूं ने हिसार जिलें में फतेहाबाद में मस्जिद का निर्माण करवाया।

शेरशाह सूरी- Sher Shah Suri

  • शेरशाह सूरी ने ‘दीनपनाह‘ के स्थान पर पुराने किले का निर्माण करवाया।
  • शेरशाह सूरी ने दिल्ली के पुराने किले में किला-ए-कुहना नामक मस्जिद का निर्माण करवाया।

अकबर- Akbar

  • हुमायूं के मकबरे का निर्माण अकबर की सौतेली मां हाजी बेगम ने फारसी वास्तुकार मीरक मिर्जा गयास की देखरेख में करवाया, चार-बाग पद्धति का प्रयोग, दोहरे गुम्बद वाला भारत का पहला मकबरा, ताजमहल का पूर्वगामी।
  • अकबर ने 1569 ई. में फतेहपुर सीकरी की नींव शेख सलीम चिश्ती के सम्मान में रखी। 1571 में फतेहपुर सीकरी को राजधानी बनाया।
  • अकबर ने 1573 में फतेहपुर सीकरी में गुजरात विजय के उपलक्ष्य में बुलन्द दरवाजा का निर्माण करवाया।
  • अकबर ने 1585 ई में फतेहपुर सीकरी के स्थान पर लाहौर को राजधानी बनाया तथा लाहौर के किले का निर्माण करवाया।

जहाँगीर- Jahangir

  • जहाँगीर के शासनकाल में सिकन्दरा में अकबर के मकबरे का निर्माण हुआ गुम्बद विहीन।
  • नूरजहां ने अपने पिता ऐतमादुद्दौला का मकबरा आगरा में बनवाया।

शाहजहां- Shaha Jahan

  • शाहजहां का काल वास्तुकला का स्वर्णकाल कहलाता है।
  • शाहजहां ने आगरे के किले में दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास और मोती-मस्जिद का निर्माण करवाया।
  • आगरे के किले में निर्मित दीवान-ए-आम में तख्ते हाउस या मयूर सिंहासन रखा गया।
  • शाहजहां ने दिल्ली में जामा मस्जिद (1648 ई.) का निर्माण करवाया।
  • शाहजहां ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज की याद मंे आगरा में ताजमहल का निर्माण करवाया। इसके निर्माण में 20 या 22 वर्ष लगे।
  • ताजमहल का प्रधान मिस्त्री या निर्माता या डिजाइन करने वाला वास्तुकार उस्ताद ईसा था।

औरंगजेब- Aurangzeb

  • औरंगजेब ने दिल्ली के लाल किले में मोती मस्जिद का निर्माण करवाया।
  • औरंगजेब ने लाहौर में बादशाही मस्जिद का निर्माण करवाया।
  • खुल्दाबाद में औरंगजेब का मकबरा स्थित है।

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