स्वतंत्रता आन्दोलन 1919 से 1947
रोलेट एक्ट-
- 17 मार्च 1919 को रोलेट एक्ट प्रस्तावित हुआ। जिसे काला कानून तथा बिना वकील बिना दलील का कानून कहा गया।
- रोलेट एक्ट के द्वारा पंजाब के दो प्रमुख नेताओं सत्यपाल तथा सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके विरोध में जलियाँवाला बाग अमृतसर में शांतिपूर्ण सभा का आयोजन किया गया।
जलियावाला बाग हत्याकाण्ड-
- 13 अप्रेल 1919 शांतिपूर्ण सभा पर जनरल ओ डायर ने गोलिया चलवा दी जिसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए। सरकारी आँकड़ों में यह संख्या 379 थी।
- इस घटना के विरोध में रविन्द्रनाथ टैगोर ने नाइटहुड की उपाधि लौटा दी तथा शंकर नायर ने वायसराय की कायकारिणी परिषद् से इस्तीफा दे दिया।
- भारत के लोगों द्वारा विरोध करने पर अंग्रेजों ने इस हत्या काण्ड की जाँच हेतु हण्टर कमेटी गठित की। जिसमें 8 सदस्य थे जनरल डायर को पद मुक्त करके इंग्लैण्ड भेज दिया जहाँ उसे भारत में अंग्रेजी साम्राज्य का शेर कहा गया। तथा Sword of honour (सम्मान की तलवार) भेंट की गई।
- भारतीयों ने जाँच के लिए तहकीकात कमेटी का गठन किया जिसकी अध्यक्षता मदन मोहन मालवीय ने की।
1919- मांटेग्यू चैम्सफोर्ड सुधार-
- द्वैध शासन प्रान्तों में लगाया गया।
- साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली का विस्तार किया गया इसके द्वारा यूरोपियन्स, एंग्लो-इण्डियन्स तथा सिक्खों को भी सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्र प्रदान किये गए।
1919- खिलाफत आन्दोलन-
- 17 अक्टूबर 1919 को खिलाफत कमेटी का गठन किया गया। जो तुर्की में खलीफा के पद को समाप्त करने तथा तुर्की के विभाजन की घोषणा के विरोध में था।खिलाफत आन्दोलन के प्रमुख नेता मोहम्मद अली, शौकत अली (अली बन्धु) हसरत मोहानी, खान अब्दुल गफ्फार खान, मौलाना अबुल कलाम थे।
- महात्मा गाँधी ने भी खिलाफत कमेटी की बैठक को नेतृत्व प्रदान किया तथा कहा मुझे हिन्दु तथा मुसलमानों को संगठित करने का ऐसा अवसर अगले 100 वर्षो तक प्राप्त नहीं होगा।
नोट- मोहम्मद अली जिन्ना ने खिलाफत आन्दोलन का विरोध किया।
- 1919 में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन अमृतसर में हुआ जिसकी अध्यक्षता मोतीलाल नेहरू ने की।
1920- असहयोग आन्दोलन
- सितम्बर 1920 में कांग्रेस का विशेष अधिवेशन कलकत्ता में बुलाया गया। जिसकी अध्यक्षता लाला लाजपतराय ने की। इस अधिवेशन में असहयोग का प्रस्ताव पारित किया गया।
- कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन दिसम्बर 1920 यह अधिवेशन नागपुर मंे हुआ। जिसकी अध्यक्षता सी. राघवाचार्य ने की।
- इस अधिवेशन में असहयोग का प्रस्ताव चितरंजनदास ने रखा जो पहले इसके विरोधी थे।
- 1 अगस्त 1920 को असहयोग आन्दोलन प्रारम्भ हुआ। इसी दिन बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु हो गयी।
- असहयोग आन्दोलन के विरोध में मोहम्मद अली जिन्ना, विपिन चन्द्रपाल तथा एनीबीसेन्ट ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
- महात्मा गाँधी ने इस आन्दोलन के दौरान केसर-ए-हिन्द, बोअर पदक, जूलू युद्ध पदक लौटा दिये।
5 फरवरी 1922 चैरी-चैरा हत्याकाण्ड-
- उत्तरप्रदेश में गोरखपुर जिले में चैरी-चैरा नामक स्थान पर उग्र भीड़ ने एक पुलिस थाने को जला दिया जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए।
12 फरवरी 1922-
- बारदौली (गुजरात) में कांग्रेस कमेठी के बैठक में असहयोग आन्दोलन को रद्द करने का निश्चय किया गया।
- सुभाषचन्द्र बोस ने कहा जिस समय आन्दोलन अपने चरम पर था उसे स्थगित करना बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है।
- मोतीलाल नेहरू ने विरोध में कहा कन्याकुमारी के किसी गाँव में हुये किसी अपराध की सजा हिमालय के किसी गाँव को नहीं दी जानी चाहिए।
1923 स्वराज्य दल का गठन-
- मोतीलाल नेहरू तथा चितरंजनदास ने स्वराज्य दल का गठन इलाहाबाद में किया।
- 1924 कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन बेलगाँव (कर्नाटक) में हुआ। अध्यक्ष- महात्मा गाँधी।
1924 H.R.A. की स्थापना (हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन)
- संस्थापक सदस्य-
- चन्द्रशेखर आजाद
- रामप्रसाद विस्मिल
- जोगेश चटर्जी
- सचीन्द्र सान्याल
- इस क्रांतिकारी संगठन की स्थापना कानपुर में हुई।
1925 काकोरी काण्ड-
- उत्तरप्रदेश के सहारनपुर के पास काकोरी नामक स्टेशन पर सरकारी खजाने को लूटा गया।
- चन्द्रशेखर आजाद को छोड़कर H.R.A. के लगभग सभी सदस्य गिरफ्तार हो गए।
चार लोगों को फाँसी की सजा दे दी गई।
- रामप्रसाद बिस्मिल
- रोशनलाल
- राजेन्द्र लाहिड़ी
- अशफाक उल्ला खाँ
1925 में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन कानपुर में हुआ। जिसकी अध्यक्षता सरोजिनी नायडु ने की।
नोट- 1917- एनीबेसन्ट (कलकत्ता), 1925- सरोजिनी नायडु (कानपुर), 1933- नलिनी सेन (कलकत्ता) - कांग्रेस की तीन महिला अध्यक्ष
1927 साइमन कमीशन का गठन-
- 1919 के अधिनियम की जाँच हेतु साइमन कमीशन का गठन लंदन किया गया।
- इसमें 7 सदस्य थे। इसे श्वेत कमीशन की कहते है।
- 1928 मे साइमन कमीशन भारत आया।
- इसमें एक भी सदस्य भारतीय न होने के कारण इसका विरोध किया गया।
- लाहौर में विरोध प्रदर्शन के दौरान लाला लाजपतराय के सिर पर लगी लाठी से उनकी मृत्यु हो गयी।
- उन्होंने कहा मेरे सिर पर पड़ी एक-एक लाठी अंगेजी साम्राज्य के ताबूज में कील की तरह साबित होगी।
1928 Hindustan Socialist Republican Association (H.S.R.A.) का गठन
संस्थापक-
- चन्द्रशेखर आजाद
- भगतसिंह
- भगवतीचरण बोहरा
- राजगुरू
स्थापना- फिरोजशाह कोटला (दिल्ली)
- 1928 साण्डर्स की हत्या- H.S.R.A. के सदस्यों ने अंग्रेज अधिकारी साण्डर्स की लाहौर में हत्या कर दी। इस हत्याकाण्ड में चन्द्रशेखर आजाद, राजगुरू तथा भगतसिंह प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुये। इन क्रांतिकारियों का लक्ष्य स्काॅट को मारना था।
- 1928 नेहरू रिपोर्ट- भारत सचिव बर्किन हैड की चुनौती पर मोतीलाल नेहरू ने तेजबहादुर सपू्र के सहयोग से सविंधान का लघु रूप प्रस्तुत किया, जिसे नेहरू रिपोर्ट कहा जाता है।
मुख्य बिन्दु-
- पंथ निरपेक्ष राज्य।
- वयस्क मताधिकार।
- सिन्ध को बम्बई से अलग प्रान्त बनाना।
- केन्द्र तथा राज्य में उत्तरदायी शासन की स्थापना।
- शक्तियों का विभाजन
- अवशिष्ट शक्तियाँ केन्द्र को प्रदान की जाए।
- अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की जाए।
- साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली के स्थान पर संयुक्त निर्वाचन की प्रणाली लागू की जाये।
1929 जिन्ना के 14 सूत्र-
- अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की जाए।
- प्रान्तों को अधिक स्वायत्तता प्रदान की जाए।
- शक्तियों का विभाजन किया जाए।
- अवशिष्ट शक्तियाँ प्रान्तों को प्रदान की जाए।
- सिन्ध को बम्बई से अलग प्रान्त बनाया जाए।
- साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली को जारी रखा गया।
1929 महात्मा गाँधी के 11 सूत्र-
- नशीली वस्तुओं के उत्पादन/उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए।
- प्रशासनिक खर्च को 50ः कर दिया जाए।
- किसानों का लगान 50ः कर दिया जाए।
- नमक बनाने का अधिकार भारतीयों को लौटा दिया जाए।
1929 सेन्ट्रल असेम्बली पर बम-
- भगतसिंह तथा बटुकेश्वरदत्त ने दिल्ली में सैन्ट्रल असेम्बली (केन्द्रीय विधानसभा/मण्डल) की खाली बैन्चों पर बम फेंका। जिसका उद्देश्य किसी को मारना नहीं था। (चेतावनी देना)
- भगतसिंह व उसके साथियों को लाहौर षड्यंत्र केस के अन्तर्गत गिरफ्तार कर लिया गया तथा जेल में भूख हड़ताल के कारण 64वें दिन जतिन दास की मृत्यु हो गई।
- 31 दिसम्बर 1929- लाहौर में रावी नदी के तट पर जवाहर लाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज्य की माँग रखी तथा तिरंगा फहराया।
- 26 जनवरी 1930- आधुनिक भारत का प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाय गया।
- 31 जनवरी 1930- महात्मा गाँधी ने लार्ड इरविन द्वारा उनकी मांगे न मानने पर कहा मैंने झुककर रोटी माँगी थी, मुझे पत्थर मिले। 11 सूत्री मांगों को न मानने के बाद।
12 मार्च 1930 डांडी यात्रा-
- महात्मा गाँधी इस दिन अपने 78 अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम से डांडी (जिला- नवसारी-गुजरात) की यात्रा के लिए चल पड़े। (कुल- 79 सदस्य)
- 5 April 1930 को दाण्डी पहुँचकर नमक कानून तोड़ा। तथा सविनय अवज्ञा आन्दोलन की घोषणा की।
- 24 दिन की यह यात्रा 358 किमी. (224 मील) की थी।
- महात्मा गाँधी को गिरफ्तार कर लिया गया, उनके स्थान पर अब्बास तैयब जी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन का नेतृत्व संभाला।
- 1930 में ही प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन इंग्लैण्ड में हुआ। जिसमें महात्मा गाँधी ने भाग नहीं लिया।
नोट- 1930, 1931, 1932 में तीन गोलमेज सम्मेलन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनाल्ड की अध्यक्षता में सेन्ट जैम्स पैलेस (लंदन में) आयोजित किये गये। तीन गोलमेज सम्मेलनों में भीमराव अम्बेडकर ने भाग लिया।
- 27 फरवरी 1931- चन्द्रशेखर आजाद ने इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में पुलिस कर्मियों से घिर जाने पर खुद को गोली मार ली।
5 मार्च 1931 गाँधी-इरविन समझौता-
- इस समझौते के द्वारा नमक बनाने का अधिकार भारतीयों को लौटा दिया गया।
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान कैदी बनाये गए अहिंसक भारतीयों को मुक्त कर दिया गया।
- महात्मा गाँधी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन को स्थगित कर दिया।
- महात्मा गाँधी ने दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने की स्वीकृति दे दी।
23 मार्च 1931-
- राजगुरू, सुखदेव और भगतसिंह को फाँसी दे दी गई।
- 1931 में महात्मा गाँधी द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने लंदन गए। उनके साथ उनके सचिव महादेव देसाई भी थे।
- फ्रैसं मोरिस नामक पत्रकार ने गाँधी को इसे अर्द्धनग्न फकीर कहा।
- विन्सेन्ट चर्चिल ने इसे देशद्रोही फकीर कहा।
- 1932 में गाँधी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन फिर से प्रारम्भ किया।
1932 साम्प्रदायिक पंचाट- (कम्युनल अवार्ड)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनाल्ड ने इस घोषणा के द्वारा कहा कि दलितों को भी प्रान्तीय विधानमण्डलों में 71 सुरक्षित स्थान प्रदान किए जाएगें।
26 सितम्बर 1932 पूना समझौता- (पूना फैक्ट)
- महात्मा गाँधी ने भीमराव अम्बेडकर से समझौता किया कि कांग्रेस की सीटों में से दलितों को 148 सुरक्षित स्थान दिये जायेगें किन्तु वे अंग्रेजों के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दें।
- 1932 में महात्मा गाँधी ने हरिजन सेवा संघ की स्थापना की। जिससे संस्थापक अध्यक्ष घनश्यामदास बिड़ला थे।
- 1933 महात्मा गाँधी ने हरिजन नामक पत्र प्रकाशित करवाया।
- इसी वर्ष व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ किया गया।
- 1934 सविनय अवज्ञा आन्दोलन पूर्णतः समाप्त घोषित कर दिया गया।
1935 भारत शासन अधिनियम
मुख्य बिन्दु-
- प्रान्तों में प्रान्तीय स्वायत्तता।
- सिन्ध को बम्बई से अलग प्रान्त बनाया गया।
- वर्मा को भारत से अलग कर दिया।
- केन्द्र में द्वैध शासन की स्थापना।
- केन्द्रीय बैंक का निर्माण।
- केन्द्रीय न्यायालय की स्थापना।
- शक्तियों का विभाजन किया गया।
- अवशिष्ट शक्तियाँ केन्द्र को प्रदान की गई।
- साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली को जारी रखा।
1937 प्रान्तों में चुनाव-
- प्रान्तीय स्वायत्तता के द्वारा 11 प्रान्तों में चुनाव कराये गये 7 प्रान्तों में कांग्रेस की सरकार बनी। दो प्रान्तों पंजाब और बंगाल में मुस्लिम लीग को सफलता प्राप्त हुई।
- 2 प्रान्तों में मिली-जुली सरकारें बनी। (असल व सिन्ध)
1938 हरिपुरा अधिवेशन (गुजरात)-
- कांगे्रस के इस वार्षिक अधिवेशन की अध्यक्षता सुभाष चन्द्र बोस ने की।
1939 त्रिपुरी संकट-
- कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन (मध्यप्रदेश) में अध्यक्ष पद हेतु अबुल कलाम आजाद का नाम प्रस्तावित था। उनके मना करने पर चुनाव हुये जिसमें सुभाष चन्द्र बोस ने गाँधी समर्थित उम्मीदवार पट्टाभिसीता रमैया को पराजित किया।
- गाँधी की नाराजगी को देखते हुये सुभाष चन्द्र बोस ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। तथा नया अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद को बनाया गया।
- 3 मई 1939 को सुभाष चन्द्र बोस ने फारवर्ड ब्लाॅक की स्थापना की।
22 दिसम्बर 1939- मुक्ति दिवस
- दूसरे विश्व युद्ध में प्रान्तीय सरकारों की अनुमति के बिना भारतीय सेना को युद्ध के लिए भेज दिया गया।
- जिससे नाराज होकर कांग्रेस समर्थित आठ प्रान्तीय सरकारों ने इस्तीफे दे दिये। अतः मुस्लिम लीग ने अम्बेड़कर के साथ मिलकर मुक्ति दिवस मनाया।
23 मार्च 1940-
- मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन में मोहम्मद अली जिन्ना के द्वारा एक अधिवेशन के माध्यम से पहली बार पाकिस्तान की माँग रखी।
- मोहम्ममद इकबाल ने 1930 में पहली बार मुसलमानों के लिए भारत में अलग राज्य की बात कही।
- 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र रहमत अली ने पाकिस्तान का नामकरण किया।
8 अगस्त 1940 अगस्त प्रस्ताव-
वायसराय लिनलिथगो ने घोषणा कर कहा-
- भारत को डाॅमिनियन स्टेट प्रदान किया जायेगा।
- भारत के लिए संविधान का निर्माण भारत के लोग स्वयं करेंगे।
1940 व्यक्तिगत सत्याग्रह-
- इस वर्ष व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रारम्भ किया गया।
- प्रथम सत्याग्रही- विनोबा भावे
- दूसरे सत्याग्रही- जवाहरलाल नेहरू
- 1941 सुभाषचन्द्र बोस भारत छोड़कर विदेश चले गये।
- 1941 मलाया (मलेशिया) में कैप्टेन मोहन सिंह ने आजाद हिन्द फौज का गठन किया।
क्रिप्स मिशन 1942-
- एक सदस्यीय क्रिप्स मिशन भारत आया इसके अनुसार-
- डाॅमिनियम स्टेट प्रदान किया जाएगा।
- भारत के लिए संविधान का निर्माण भारत के लोग करेंगे किन्तु यदि कोई इस संविधान से संतुष्ट ना हो तो वह अलग संविधान भी बना सकता है।
नोट- क्रिप्स के इस कथन में भारत के विभाजन की प्रथम अंग्रेजी स्वीकृति निहित थी।
- महात्मा गाँधी ने क्रिप्स मिशन के उत्तरतिथिय चैक कहा।
- जवाहरलाल नेहरू ने कहा हमारे पुराने मित्र क्रिप्स शैतान के वकील बनकर आए है।
- 1942 रासबिहारी बोस ने टोकियो (जापान) में इंण्डियन इंडिपेंडेंस लीग की स्थापना की।
1942 भारत छोड़ो आन्दोलन-
- वर्धा (महाराष्ट्र) प्रस्ताव के आधार पर भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ किया गया।
- इस आन्दोलन में महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया।
- 8 अगस्त 1942 बम्बई में वर्धा प्रस्ताव की पुष्टि की गई।
- 9 अगस्त 1942 का आन्दोलन के पहले दिन ही ऑपरेशन जीरो ऑवर के द्वारा सभी मुख्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
- इसके बाद आन्दोलन का नेतृत्व निम्न लोगों ने किया-
- राममनोहर लोहिया, अच्युत पटवर्द्धन, जयप्रकाश नारायण, अरूणा आसफ अली।
- 1943 सिंगापुर में आजाद हिन्द फौंज तथा इंडियन इंडिपेंडेंस लीग का नेतृत्व सुभाष चन्द्र बोस को सौंप दिया गया।
- 23 मार्च 1943 मुस्लिम लीग के कराची अधिवेशन ने पाकिस्तान दिवस मनाया गया।
- 1943 सुभाषचन्द्र बोस की आजाद हिन्द सेना ने जापानी सेना की मदद से असम में कोहिमा क्षेत्र को जीत लिया।
- इन्होंने अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूहों पर भी विजय प्राप्त कर ली।
- अण्डमान का नाम- शहीद द्वीप
- निकोबार का नाम- स्वराज्य द्वीप कर दिया गया
- 1944 राजगोपालाचारी फार्मूला- भारत के विभाजन तथा संवैधानिक समस्याओं के समाधान हेतु राजगोपालाचारी ने एक योजना प्रस्तुत की जिसे रामगोपालाचारी फाॅर्मूला कहते है। इसे अस्वीकार कर दिया गया।
1945 सुभाषचन्द्र बोस की संदिग्ध मृत्यु
वेवेल योजना 1945-
- भारत के वायसराय वेवेल ने एक योजना प्रस्तुत की जिसके द्वारा गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी परिषद् में हिन्दु तथा मुसलमान प्रतिनिधियों की संख्या समान रखने का निर्णय किया गया।
शिमला सम्मेलन-
- कांग्रेस अपने सदस्यों में से एक सदस्य अबुल कलाम आजाद को कार्यकारिणी परिषद् में भेजना चाहती थी। जबकि मो. अली जिन्ना ने कहा कि मुस्लिम सदस्य को कार्यकारिणी में भेजने का अधिकार केवल मुस्लिम लीग को है। सहमति बनाने हेतु शिमला सम्मेलन आयोजित हुआ किन्तु दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े रहे। अन्तिम रूप से वेवेल योजना को असफल घोषित कर दिया गया।
- 18 फरवरी 1946 नौ सेना का विद्रोह- बम्बई क्षेत्र में खराब भोजन तथा दुव्र्यवहार से परेशान होकर नौ सेना ने विद्रोह कर दिया।
- 19 फरवरी 1946 को तीन सदस्यीय केबिनेट मिशन का गठन किया गया। जिसके प्रमुख पैट्रिक लारेन्स थे।
- 16 अगस्त 1946 को मुस्लिम लीग ने सीधा कार्यवाही दिवस मनाया। तथा इसके बाद भारत में हिंसात्मक दंगे प्रारम्भ हो गए।
- 20 फरवरी 1947- ऐटली की घोषणा- इन्होंने कहा कि भारत को 30 जून 1948 तक स्वतंत्रता प्रदान कर दी जाएगा।
3 जून 1947 माउण्टबेटन योजना-
- भारत के 34वें गर्वनर जनरल माउण्टबेटन ने इस घोषणा के द्वारा भारतीय स्वतंत्रता की तिथि 15 अगस्त 1947 निर्धारित की। तथा इस दिन भारत स्वतंत्र हो गया।
वायसराय
- 1916-1921- चेम्सफोर्ड
- 1921-1926- रीडिंग
- 1926-1931- इरविन
- 1931-1936- विलिंगटन
- 1936-1943- लिनलिथगो
- 1943-1947- वेवेल
- 1947-1948- माउण्टबेंटन
स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण पुस्तके-
- गीता माता- महात्मा गाँधी
- हिन्द स्वराज्य/इंडियन होमरूल- महात्मा गाँधी
- सत्य के साथ मेरे प्रयोग- महात्मा गाँधी
- आर्कटिका होम टू वेदाज- तिलक
- गीत रहस्य- तिलक
- ऑन क्रोस रोड़- सुभाषचन्द्र बोस
- इंडियन स्ट्रगल- सुभाषचन्द्र (आत्मकथा)
- मैं नास्तिक क्यों हूँ- भगतसिंह
- बन्दी जीवन- सचीन्द्र सान्याल
- फिलोसोफी ऑफ बम- भगवती चरण बोहरा
- अनहैप्पी इंडिया- लाला लाजपतराय
- इंडिया डिवाइडेड- राजेन्द्र प्रसाद
- अनरेस्ट इंडिया- वेलेन्टाइन शिरोल
- स्प्रिंगिंग टाइगर- ह्यज टाॅय
- पाकिस्तान एण्ड पार्टीशन ऑफ इण्डिया- अम्बेड़कर
- नील दर्पण- दीनबन्धु मित्रा
- हाउ इंडिया फोट फोर फ्रीडम- एनी बीसेन्ट
- डिस्कवरी ऑफ इंडिया- नेहरू
- गिलस्पसीज ऑफ वल्र्ड हिस्ट्री- नेहरू
- पावर्टी एण्ड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया- दादाभाई नौरोजी
- इंडिया टाइगर- रजनी पामदत्त
- स्प्रिंगिंग टाइगर- सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी है।
- वेलेन्टाइल शिरोल- ने अपनी पुस्तक अनरेस्ट इंडिया में दयानन्द सरस्वती तथा बाल गंगाधर तिलक को भारतीय असंतोष का जनक कहा है।
- दादाभाई नौरोजी ने सबसे पहले धननिष्कासन सिद्धान्त प्रतिपादित किया जिसका उल्लेख पाॅवर्टी एण्ड अनब्रिटिश रूल इन इण्डिया नामक पुस्तक में मिलता है।