Gurjar Pratihar Vansh in Hindi

0
282
Gurjar Pratihar Vansh in Hindi

गुर्जर प्रतिहार – Gurjar Pratihar Rajvansh

गुर्जर-प्रतिहार- आबु पर्वत पर वशिष्ठ ऋषि के यज्ञ से चार राजपूत जातियों की उत्पत्ति मानी गयी है-

  1. प्रतिहार (गुर्जर)
  2. परमार (पंवार)
  3. चालुक्य (सोलंकी)
  4. चौहान (चाहमान)

कुछ अन्य प्रमाण गुर्जर प्रतिहारों को विदेशी जाति सिद्ध करते है।

गुर्जर प्रतिहार वंश के शासक (Pratihar Vansh Ke Shasak)-

प्रतिहार वंश के शासकशासन काल
नागभट्ट-I730-760 ई.
देवराज760-780 ई.
वत्सराज783-800 ई.
नागभट्ट-II800-833 ई.
रामभद्र833-836 ई.
मिहिरभोज / भोज-I836-885 ई.
महेन्द्रपाल-I885-910 ई.
भोज-II910-913 ई.
महिपाल-I912-943 ई.
महेन्द्रपाल-II943-948 ई.
देवपाल948-954 ई.
विनायकपाल954-955 ई.
महिपाल-II955-956 ई.
विजयपाल-II956-960 ई.
राजपाल960-1018 ई.
त्रिलोचनपाल1018-1027 ई.
यशपाल1024-1036 ई.
  • गुर्जर प्रतिहार वंश का संस्थापक (Gurjar Pratihar Vansh Ka Sansthapak)- हरिशचन्द्र
  • प्रारम्भिक राजधानी- मण्डोर
  • अन्य शाखा- भीनमाल, जालौर
  • राजधानी परिवर्तन- उज्जैन

नागभट्ट-I

  • ग्वालियर प्रशस्ति में म्लेच्छो का नाशक कहा गया है। माना जाता है कि इसने अरब आक्रमणों का दमन करके अरबों को पराजित किया था।
  • नागभट्ट-I के बाद कक्कुक व देवराज ने शासन किया।

वत्सराज (783 ई.-800 ई.)

  • वत्सराज को त्रिपक्षीय संघर्ष को प्रारम्भ करने वाला माना जाता है।
  • इसने मुंगेर के युद्ध में पाल शासक धर्मपाल को हराया।

नागभट्ट-II (800ई.-833 ई.)

  • इसने धर्मपाल को हराकर मुंगेर छीन लिया।
  • इसने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया।

रामभद्र (833 ई.-836 ई.)

  • नागभट्ट-II के जल समाधि लेने के पश्चात् 833 ई. में रामभद्र राजा बना।

मिहिर भोज (836 ई.-885 ई.)

  • यह वैष्णव सम्प्रदाय का अनुयायी था।
  • इसने आदिवराह तथा प्रभास की उपाधियाँ धारण की।
  • वराह द्रम्म नामक चाँदी का सिक्का चलाया।
  • यह एक श्रेष्ठ यौद्धा था किन्तु पाल शासक देवपाल एवं राष्ट्रकूट शासक धु्रव से पराजित हुआ।
  • अरब यात्री सुलेमान दरबार में आया।

महेन्द्रपाल (885 ई.-910 ई.)

  • इनके शासनकाल में संस्कृत के श्रेष्ठ रचनाकार राजशेखर दरबार में थे।
  • राजशेखर की रचनाऐं- बाल रामायण, बाल भारत, विद्वशाल मंजरी, हर विजय, भुवनकोश, कर्पूर मंजरी।
नोट- कर्पूर मंजरी प्राकृत भाषा में है, शेष संस्कृत में है।

महिपाल-I (912 ई.-943 ई.)

  • इसके समय में बगदाद का अलमसूदी नामक यात्री दरबार में आया।

Gurjar Pratihar Vansh Ka Antim Shasak यशपाल था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here