Festival of Rajasthan in Hindi – राजस्थान के प्रमुख मेले एवं त्योहार

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Rajasthan Festival

प्रसिद्ध मेले-

  • बादशाह मेला – ब्यावर (अजमेर)
  • भोजन थाली मेला – कामां, भरतपुर में भाद्रपद शुक्ल पंचमी को भोजन थाली मेला आयोजित किया जाता है।
  • गणगौर – जयपुर
  • धीगागवर बैतमार मेला – जोधपुर
  • बाणगंगा मेला – विराटनगर (जयपुर)
  • धीरपुरी का मेला – मण्डोर (जोधपुर)
  • सीतामाता का मेला – प्रतापगढ
  • जौहर मेला – चित्तौडगढ
  • शिवरात्रि मेला – शिवाड (सवाई माधोपुर)
  • सावलिया जी का मेला – चित्तौडगढ
  • खेतालाजी मेला – पाली
  • विक्रमादित्य मेला – उदयपुर
  • ऋषभ देवी जी का मेला – धुलेव गांव (उदयपुर)
  • घुडला मेला – जोधपुर
  • मेहन्दीपुर बालाजी – दौसा
  • चार भुजानाथ का मेला – मेडता (नागौर)
  • सीताबाडी मेला – बांरा
  • तीर्थराज मेला -मंचकुड – धौलपुर
  • सवाईभोज का मेला – आसिन्द (भीलवाडा)
  • राम रावण मेला – बडी सादडी (चित्तौडगढ)
  • घोटियाअम्बा का मेला – बांसवाडा
  • लोहार्गल मेला – झुंझुनू
  • भूरिया बाबा का मेला (गोतमेश्वर)- पाली
  • बीजासण माता का मेला – बूंदी
  • एकलिंग जी का मेला (लकुलीश जी का मंदिर)- उदयपुर
  • खाटू श्याम का मेला – सीकर जिले में प्रतिवर्ष फाल्गुन माह की एकादशी को खाटूश्यामजी का मेला लगता है।
  • डेरापम्पा राम का मेला- श्री गंगानगर
  • तिलस्वा महादेव का मेला – भीलवाडा
  • राजस्थान का सबसे रंगीन मेला- पुष्कर मेला
  • जांगल प्रदेश का मुख्य मेला – कोलायत
  • मत्स्य प्रदेश का सबसे बडा मेला – भृतहरि जी का मेला
  • बागड क्षेत्र का सबसे बडा मेला – बेणेश्वर मेला इसे आदिवासियों का कुम्भ कहा जाता है।
  • हाडौती क्षेत्र का सबसे बडा मेला – सीताबाडी मेला (बारा) इसे सहरिया जनजाति का कुम्भ कहा जाता है।
  • जैनियों का सबसे बडा मेला – श्री महावीर जी (करौली)
  • सिक्खों का सबसे बडा मेला – साहवा (चूरू)
  • मुस्लिमों का सबसे बडा मेला – ख्वाजा साहब का उर्स (अजमेर)
  • गलियाकोट का उर्स मेला- फखरुद्दीन नागौरी की मजार-गलियाकोट, सागवाड़ा, डूंगरपुर में स्थित है यह दाऊदी बोहरा सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ है इसे मजार-ए-फखरी के नाम से भी जाना जाता है।
  • मारवाड क्षेत्र का सबसे बडा मेला – रामदेवरा (जैसलमेर)
  • हरियाली अमावस्थ्या- उदयपुर
  • मरु उत्सव- जैसलमेर
  • मांड उत्सव- बीकानेर
  • ऊँट उत्सव- बीकानेर
  • थार महोत्सव- बाड़मेर
  • ग्रीष्म, शरद उत्सव- माउण्ट आबू, सिरोही
  • हाथी महोत्सव- जयपुर

प्रमुख त्यौहार-

चैत्रमार्च -अप्रेल
बैशाखअप्रेल-मई
ज्येष्ठमई – जून
आषाढजून -जुलाई
श्रावणजुलाई – अगस्त
भाद्रपदअगस्त -सितम्बर
अश्विनसितम्बर – अक्टूबर
कार्तिकअक्टूबर – नवम्बर
मार्गशीर्षनवम्बर – दिसम्बर
पौषदिसम्बर – जनवरी
माघजनवरी – फरवरी
फाल्गुनफरवरी – मार्च

महिने का प्रथम पखवाडा कृष्ण पक्ष होता है तथा दूसरा पखवाडा शुक्ल-पक्ष होता है।
कृष्ण पक्ष को बुदि तथा शुक्ल पक्ष को सुदि भी कहा जाता है कृष्ण पहले व शुक्ल पक्ष बाद मे आता है।

त्यौहारों के नाम –

  1. तीज – श्रावण शुक्ल तृतीया
    इसे छोटी तीज भी कहा जाता है। इस दिन जयपुर मे तीज माता की सवारी भी निकाली जाती है। जयपुर मे तीज की सवारी सिटी पैलेस से शाही लवाजमे के साथ निकाली जाती है।
    अबूझ सावा (अक्षय तृतीया)- बिना पण्डित जी से मुहूर्त निकलवाये जिस दिन विवाह सम्पन्न किया जा सके यह दिन बीकानेर का स्थापना दिवस भी है।
  2. रक्षाबंधन – श्रावण पूर्णिमा
  3. बडी तीज – भाद्रपद कृष्ण तृतीया
    इसे कजली तीज/सातुडी/बूढी तीज भी कहा जाता है। यह बूंदी जिले मे मनाई जाती है।
  4. हलशष्टी – भाद्रपद कृष्ण -6
  5. जन्माष्टमी – भाद्रपद कृष्ण-8
  6. गोगानवमी – भाद्रपद कृष्ण -9
  7. बछबारस – भाद्रपद कृष्ण -12
  8. गणेश चर्तुशी (चतरा चौथ) – भाद्रपद शुक्ल -4
  9. ऋषि पंचमी – भाद्रपद शुक्ल -5
  10. राधाअष्टमी – भाद्रपद शुक्ल -8
  11. श्रादपक्ष – भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन अमावस्या
  12. नवरात्रा – अश्विन शुक्ल – 1
  13. दुर्गाष्टमी – अश्विन शुक्ल 8
  14. दशहरा – अश्विन शुक्ल 10 देश का सबसे बडा दशहरा मेला -मैसूर (कर्नाटक), राज्य का सबसे बडा दशहरा मेला कोटा
  15. शरद पूर्णिमा – अश्विन पूर्णिमा
    इस दिन चन्द्रमा अपनी पूरी (16) कलाओं मे दिखता है।
  16. करवा चौथ – कार्तिक कृष्ण – 4
  17. धनतेरस – कार्तिक कृष्ण -13
  18. छोटी दीपावली – कार्तिक कृष्ण – 14
  19. दीपावली – कार्तिक अमावस्या
  20. गोवर्धन – कार्तिक शुक्ल – 1
  21. भैयादूत – कार्तिक शुक्ल – 2
  22. देवउठनी ग्यारस – कार्तिक शुक्ल – 11
  23. कार्तिक पूर्णिमा –
  24. मकर सक्रांति – 14 जनवरी
  25. मौनी अमावस्था – माघ अमावस्था
  26. बंसत पंचमी – माघ शुक्ल – 5
  27. माघ-पूर्णिमा – इस दिन बागड क्षेत्र का सबसे बडा मेला बेणेश्वर धाम (डूंगरपुर) आदिवासियों का सबसे बडा मेला लगता है।
  28. महाशिवरात्री – फाल्गुन कृष्ण – 14
  29. होली – फाल्गुन पूर्णिमा
  30. धुलण्डी – चैत्र कृष्ण – 1
  31. शीतलाष्टमी – चैत्र कृष्ण – 8
  32. नववर्ष – चैत्र शुक्ल – 1 नवसंबतसर (हिन्दु पंचाग का प्रथम दिन)
  33. नवरात्रा – चैत्र शुक्ल 1-9
  34. गणगौर – चैत्र शुक्ल -3
  35. रामनवमी – चैत्र शुक्ल – 9
  36. अक्षय तृतीया – बैशाख शुक्ल – 9
  37. निर्जला एकादशी – ज्येष्ठ – शुक्ल-11
  38. वट सावित्री (बडमावस) – ज्येष्ठ अमावस्या
  39. गुरूपूर्णिमा – आषाढ-पूर्णिमा
  40. नागपंचमी – श्रावण कृष्ण -5
  41. जलझूलनी एकादशी – भाद्रपद शुक्ल -11
  42. देवशयनी एकादशी – आषाढ शुक्ल -11

राजस्थान के त्यौहार

राजस्थान में सर्वाधिक त्यौहार जयपुर में मनायें जाते है। इसलिए जयपुर को त्योहारों की नगरी कहा जाता है।

हिन्दी माह- CV JAS BAK MP MF

C- चैत्रV- वैशाख
J- जेष्ठA- आषाढ़S- श्रावण
B- भाद्रवाA- आसोदK- कार्तिक
M- मार्गशीर्षP- पोष
M- माघF- फागुन

प्रथम पखवाड़ा घटता चांद कृष्ण पक्ष- अमावस्य
द्वितीय पखवाड़ा बढ़ता चांद शुक्ल पक्ष- पूर्णिमा

मार्च-अप्रेल-

  • चैत्र शुक्ल प्रतिपदा = वर्ष प्रतिपदा, नवसंवत प्रारम्भ, हिन्दु नववर्ष, बंसतीय नवरात्रा प्रारम्भ
  • शुक्ल पक्ष द्वितीया = सिंजारा
  • शुक्ल पक्ष अष्टमी = दुर्गाष्टमी, नवरात्रा समाप्त, शीतलाष्टमी (मेला-चाकसु मारवाड़ में घुडला पर्व)
  • शुक्ल पक्ष नवमी = रामनवमी
  • शुक्ल पक्ष पूर्णिमा = हुनमान जयन्ती
  • कहावत (त्यौहारों का आगमन) = तीज त्यौहारों बावरी ले डूबी गणगौर (त्योहारों का समापन)

अप्रेल-मई-

  • वैशाख शुक्ल तृतीया = आखा तीज, अक्षय तृतीया, अझूब सावा
  • सर्वाधिक बाल विवाह, बीकानेर राज्य की नींव
  • वैशाख पूर्णिमा (शुक्ल) = बुद्ध, पीपल पूर्णिमा

मई-जून-

  • ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी = निर्जला एकादशी (घड़ीया ग्यारस)

जून-जुलाई-

  • आषाढ़ शुक्ल नवमी = भड़ल्या नवमी
  • आषाढ़ शुक्ल एकादशी = देव सोवणी ग्यारस (अन्तिम शादी)

जुलाई-अगस्त-

  • श्रावण कृष्ण पंचमी – नागपंचमी (काला सांप- कृष्ण काली रात)
  • श्रावण कृष्ण नवमी – नेड़ली नवमी (नेवले)
  • श्रावण कृष्ण अमावस्या – हरियाली अमावस्या (मेला-मांगलियावास अजमेर)
  • श्रावण शुक्ल पक्ष द्वितीया – सिंजारा
  • श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया – छोटी तीज, हरियाली तीज
  • श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा – रक्षाबंधन, नारियल पूर्णिमा

अगस्त-सितम्बर-

  • भाद्रपद कृष्ण तृतीया – बड़ी तीज, कजली तीज, बुड़ी तीज (बूंदी) सातुड़ी तीज, भादूड़ी तीज।
  • नोट- राजस्थान में प्रसिद्ध तीज/मेला/सवारी – जयपुर-बड़ी तीज – बूँदी
  • नोट- आखा तीज वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया III
  • छोटी तीज श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया III
  • बड़ी तीज भादवा कृष्ण पक्ष तृतीया III
  • भाद्रपद कृष्ण अष्टमी – जन्माष्टमी
  • भाद्रपद कृष्ण नवमी – गोगानवमी (विशाल मेला)
  • भाद्रपद कृष्ण दशमी – बच्छ बारस (बछड़े की पूजा)
  • भाद्रपद शुक्ल द्वितीया – रामदेव जयन्ती (मेला प्रारम्भ)
  • भाद्रपद शुक्ल चतुर्शी – गणेश चतुर्थी
  • भाद्रपद शुक्ल दशमी – तेजा दशमी, खेजड़ी दिवस
  • भाद्रपद शुक्ल एकादशी – जल झुलनी ग्यारस
  • रामदेव समाधि (रामदेव मेला समाप्त)
  • भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा – गोगामेड़ी मेला समाप्त
  • पितृ पक्ष/श्राद्ध पक्ष/कनागत – प्रारम्भ

सितम्बर-अक्टूबर-

  • आश्विन (आसोद)
  • आसोद कृष्ण अमावस्या – श्राद्ध पक्ष समाप्त
  • आसोद शुक्ल प्रतिपदा – नवरात्रा प्रारम्भ
  • आसोद शुक्ल अष्टमी – नवरात्रा समाप्त, दुर्गा अष्टमी
  • आसोद शुक्ल नवमी – रामनवमी
  • आसोद शुक्ल दशमी – दशहरा/विजयदशमी
  • आसोद शुक्ल ग्यारस – मोहर्रम
  • नोट- दशहरा मेला- कोटा (रावण वध के उपलक्ष में)
  • रावण की चंवरी (विवाह मण्डप) मण्डोर जोधपुर में मिली थी तो रावण का विवाह भी मण्डोर में ही हुआ था जो स्वाभाविक है।
  • कोटा में दशहरे मेले की शुरुआत- माधोसिंह हाड़ा ने की।
  • राजस्थान में एक मात्र रावण का मंदिर- मण्डोर जोधपुर
  • राजस्थान में राम-रावण का मंदिर- बडी सादड़ी प्रतापगढ़
  • राजस्थान में राम-लक्ष्मण का मंदिर- खेतड़ी, झुंझुनूं
  • राजस्थान में एक मात्र लक्ष्मण का मंदिर- भरतपुर
  • राजस्थान में रावण का शोक पर्व- मण्डोर, जोधपुर में मनाया जाता है। (अर्थात दशहरा शोक पर्व)
  • राजस्थान में गंगा दशहरा मेला- कांमा, भरतपुर
  • राजस्थान में दशहरें के दिन रामचन्द्र की सवारी मेहरानगढ़, जोधपुर में निकाली जाती है।
  • आसोद शुक्ल पूर्णिमा- शरद पूर्णिमा
  • बुद्ध पूर्णिमा वैशाख पूर्णिमा
  • गुरू पूर्णिमा आषाढ़ पूर्णिमा
  • शरद पूर्णिमा आसोद पूर्णिमा (मेवाड़ में मीरा महाउत्सव, सालासर मेला)

अक्टूबर-नवम्बर-

  • कार्तिक कृष्ण चतुर्थी- करवा चौथ
  • (महिलाऐं अपने पति की लम्बी आयु के लिए रखती है।)
  • कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी- धनतेरस (यमराज की पूजा)
  • कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी- कानी दिवाली
  • कार्तिक कृष्ण अमावस्या- दिपावली (लक्ष्मी पूजन)
  • कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (एकम्)- गौवर्धन पूजा, अन्नकुट
  • कार्तिक शुक्ल द्वितीया- भैयादूज
  • कार्तिक शुक्ल षष्ठी- छठ पूजा
  • कार्तिक शुक्ल नवमी- अक्षय नवमी, आवला नवमी
  • कार्तिक शुक्ल एकादशी- देवउठनी ग्यारस, देवोस्थान प्रबोधनी, तुलसी विवाह
  • कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा- 14 नवम्बर

नवम्बर-दिसम्बर-

  • मार्गशीर्ष कृष्ण षष्ठी- इंदिरा गांधी जयन्ती, एकता दिवस
  • मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या- भौमवती अमावस्या
  • मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी- बारावफात

दिसम्बर-जनवरी-

  • पौष कृष्ण द्वादशी- क्रिसमस डे (25 दिसम्बर)
  • पोष शुक्ल पंचमी- मकर संक्राति (14 जनवरी)

जनवरी-फरवरी-

  • माघ कृष्ण पंचमी – बसन्त पंचमी, सरस्वती मां की पूजा
  • माघ कृष्ण षष्ठी- शहीद दिवस
  • माघ शुक्ल पूर्णिमा- वेणेश्वर धाम मेला, डूंगरपुर

फरवरी-मार्च-

  • फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी- महाशिवरात्री
  • फाल्गुन शुक्ल द्वितीया- फुलेरा/फलरिया दूज
  • फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा- होली
  • चैत्र कृष्ण प्रतिपदा- धुलण्डी, फाग, रंगों का पर्व
  • गणगौर पूजन प्रारम्भ
  • नोट- बादशाह मेला/सवारी- ब्यावर
  • लठ्ठमार होली- चान्दनपुर, करौली
  • कोड़ामार होली- भीनाय, अजमेर
  • फुल डोल उत्सव
  • गणगौर- शिव-पार्वती का पर्व
  • जो जयपुर की प्रसिद्ध है।
  • बीना ईसर की गणगौर- जैसलमेर
  • इस त्यौहार से त्यौहारों की समाप्ति मानी जाती है।
  • घींगा गवर गणगौर- वैशाख कृष्ण III
  • जिसका बैंत घींगा गंवर मारमेला जोधपुर में आयोजित किया जाता है।
  • मुहर्रम- हिजरी का प्रथम महिना है यह कुर्बानी का त्यौहार है। मुहम्मद साहब के बेटे इमाम हुसैन के शहीद दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन तासा वाद्य यंत्र के वादन के साथ ताजिये निकाले जाते है।
  • ईद-उल-मिला (बारावफात)- मुस्लिम धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब के जन्म (570 ई. मक्का सऊदी अरब) दिन के रुप मनाया जाता है।
  • ईद-उल-फितर (मिठी ईद)- रमजान माह में रोजे रखे जाते है।
  • ईद-उल-जूहा (बकरीद)- यह कुर्बानी का त्यौहार है।
  • जैन-पर्यूबण- यह पर्व भाद्रपद माह में मनाया जाता है पर्यूबण का अर्थ- तीर्थकरों की सेवा करना।
  • वैशाखी (सिक्ख)- यह 13 अप्रैल को मनाया जाता है। 13 अप्रैल 1699 को आन्नदपुर साहिब (रोपड़ ंपंजाब) में खालसा पंथ की स्थापना की गई थी।
  • लोहड़ी- 13 जनवरी
  • गुरु नानक जयन्ती- कार्तिक पूर्णिमा | जन्म- 1469 ई तलवड़ी पंजाब
  • क्रिसमस डे- 25 दिसम्बर ईसा मसीह का जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है। | जन्म- येरुसेलम के बेथलेहम शहर में हुआ था।
  • गुड फ्राइडे- (अप्रैल माह में) इस दिन ईसा मसीह को 33 ई में सूली पर चढ़ाया गया।
  • ईस्टर- गुडफ्राइडे के बाद अगले रविवार को ईसा मसीह के पूर्व जन्म के रूप मे मनाया जाता है।
  • चेटीचण्ड- झुलेलाल जयंती के रूप में मनाया जाता है।
  • ईलोजी की बारात- बाड़मेर में पत्थरमार होली मनाई जाती है इस मौके पर ईलोजी की बारात भी निकाली जाती है जो बाद में रोने-बिलखने में परिवर्तित हो जाती है।

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