भारत में कृषि | Agriculture in India in Hindi

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Agriculture in India in Hindi

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भारत में कृषि का इतिहास

  • शुष्क व आर्द्र कृषि- यदि औसत वार्षिक वर्षा 50 सेमी. से अधिक है तो यहां आर्द्रकृषि तथा यदि 50 सेमी. से कम वर्षा है तो वहां शुष्क कृषि का विकास होगा।
  • मिश्रित कृषि- फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन कार्य किया जाए तो उसे मिश्रित कृषि कहते है।
  • जैविक कृषि/ऑर्गेनिक कृषि- प्राकृतिक खाद एवं पीडकनाशी के प्रयोग से कृषि का विकास किया जाए।
  • भारत में सिक्किम, प्रथम राज्य है जो पूर्णतः जैविक कृषि करता है।

हरित क्रांति

हरित क्रांति- विश्व में हरित क्रांति के जनक नोरमल बोरलोंग है।
हरित क्रांति शब्द- विलियन गैड ने दिया।
भारत में हरित क्रांति का जनक- एम.एम.स्वामी नाथन
भारत में शुरूआत- 1966-67 ई. में तीसरी पंचवर्षीय योजना में (होली डे प्लान)

हरित क्रांति के उत्तरदायी कारक-

  1. उत्तम किस्म के बीजों का प्रयोग/हाइब्रिड/संकर नस्ल के बीज/सबसे महत्वपूर्ण कारक
  2. उर्वरकों का प्रयोग (कृत्रिम खाद)
  3. कीटनाशक दवाओं का प्रयोग
  4. सिंचाई सुविधाओं का विकास

दुग्ध उत्पादन

  • ऑपरेशन फ्लड दुग्ध उत्पादन से सम्बन्धित है।
  • प्रणेता- वर्गीज कुरियन है।
  • शुरूआत- 1970 ई. में

इसके तीन चरण है-

  1. चरण- 1970-78
  2. चरण- 1978-85
  3. चरण- 1985-95 टैक्नोलॉजी मिशन कहते है।
  • भारत का दुग्ध उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान है।
  • राज्यों में (दुग्ध उत्पादन में स्थान है)
    1. उत्तरप्रदेश- प्रथम स्थान
    2. राजस्थान- द्वितीय स्थान (11%)
      2014-15 में भारत में 146.3 लाख मिलियन टन दुध का उत्पादन हुआ है।

स्थानातरित कृषि-

  • आदिवाासी लोगों द्वारा की जाने वाली कृषि उत्तर पूर्व भारत (असम) में झूमिंग कहते है।
  • मध्यप्रदेश में पोंदू कहते है।
  • आंध्रप्रदेश में पोंडू कहते है।
  • पश्चिमी घाट में कुमारी कहते है।
  • हिमालय क्षेत्र में खील कहते है।
  • राजस्थान में वालरा/वातरा/वात्रा कहते है।
  • राजस्थान के भीलों द्वारा पहाड़ी भागों में की जाने वाली स्थानान्तरित कृषि को चिमाता कहते है। व मैदानी भागों में की जाने वाली स्थानान्तरित कृषि को दजिया कहते है।

चावल- Rice

भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसल है। यह उष्ण व उपोष्ण कटिबन्धीय फसल हैं। विश्व में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है।

राज्यों में-

  • पश्चिम बंगाल- एक मात्र राज्य जहां चावल की तीन फसलें ली जाती है- ओस, अमन एवं बोरो।
  • उत्तरप्रदेश- द्वितीय स्थान
  • आंध्रप्रदेश- तृतीय स्थान

चावल की किस्में- Type of Rice

  • माही सुगन्धा
  • बासमती
  • चम्बल
  • परमल
  • कावेरी

चावल की फसल को चित्ती रोग लगता है।

गेंहूँ- Wheat

शीतोष्ण कटिबन्धीय खाद्यान्न फसल है, भारत की दूसरी खाद्यान्न फसल है, विश्व में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है।

राज्यों में-

  1. उत्तरप्रदेश- पहला स्थान
  2. पंजाब- दूसरा स्थान
  3. मध्यप्रदेश- तीसरा स्थान

गेंहूँ की किस्में- Type of Wheat

  1. सोनेरा-64
  2. कोहेनूर
  3. मैक्सिकन
  4. सोना कल्याण

रोग- टुण्डू रोग

ज्वार/सोरगम-

  • उष्ण व उपोष्ण कटिबन्धीय भारत की तीसरी खाद्यान्न फसल है।
  • इसे गरीब का भोजन भी कहते है। विश्व में भारत का प्रथम स्थान है।

राज्यों मे-

  1. महाराष्ट्र- पहला स्थान
  2. कर्नाटक- दूसरा स्थान

मक्का/कॉर्न-

राज्यों में-

  1. आंध्रप्रदेश- पहला स्थान
  2. कर्नाटक- दूसरा स्थान

प्रसिद्ध किस्में-

  1. माही कंचन
  2. माही धवल

तिलहन-

उत्पादन में-

  1. मध्यप्रदेश- पहला स्थान
  2. राजस्थान- दूसरा स्थान
  3. गुजरात- तीसरा स्थान

दलहन-

उत्पादन में-

  1. मध्यप्रदेश- पहला स्थान
  2. राजस्थान- दूसरा स्थान
  3. महाराष्ट्र- तीसरा स्थान

चना-

उत्पादन में-

  1. मध्यप्रदेश- पहला स्थान
  2. राजस्थान- दूसरा स्थान
  3. महाराष्ट्र- तीसरा स्थान

सरसों व रैपसीड-

उत्पादन में-

  1. राजस्थान- पहला स्थान
  2. मध्यप्रदेश- दूसरा स्थान
  3. हरियाणा- तीसरा स्थान

अरहर/तूर-

उत्पादन में-

  1. महाराष्ट्र- पहला स्थान
  2. मध्यप्रदेश (मालावर तट)- दूसरा स्थान

सोयाबीन-

उत्पादन में-

  1. मध्यप्रदेश- पहला स्थान
  2. महाराष्ट्र- दूसरा स्थान
  3. राजस्थान- तीसरा स्थान

सन फलावर (सूरजमुखी)-

उत्पादन में-

  1. कर्नाटक- पहला स्थान
  2. आन्ध्रप्रदेश- दूसरा स्थान

गन्ना-

उत्पादन में-

  1. उत्तरप्रदेश- पहला स्थान
  2. महाराष्ट्र- दूसरा स्थान
  3. कर्नाटक- तीसरा स्थान

विश्व में गन्ना का उत्पादन-

  1. ब्राजील- पहला स्थान
  2. भारत- दूसरा स्थान

जूट व मेस्टा-

  • विश्व में भारत का प्रथम स्थान है व बांग्लोदश का दूसरा स्थान है।

चाय-

विश्व में हरी चाय का उत्पादन में

  1. चीन- प्रथम स्थान
  2. भारत- दूसरा स्थान

विश्व में काली चाय का उत्पादन में भारत- प्रथम स्थान

राज्यों में-

  1. असम- ( 50% से अधिक चाय का उत्पादन-सुरमा घाटी)
  2. पश्चिम बंगाल- दार्जिलिंग (विश्व प्रसिद्ध चाय)
  3. तमिलनाडु- नीलगिरि क्षेत्र

कॉफी/कहवा-

भारत का कॉफी उत्पादन में छठा स्थान है।

किस्में-

  • अरेबिका- श्रेष्ठ किस्म- भारत इसी का उत्पादन करता है।

राज्यों में-

  1. कर्नाटक- प्रथम स्थान
  2. केरल- प्रथम स्थान
  3. तमिलनाडु- तीसरा स्थान

काजू-

उत्पादन-

  1. महाराष्ट्र- प्रथम स्थान
  2. आंध्रप्रदेश- द्वितीय स्थान

फल-

उत्पादन-

  1. आंध्रप्रदेश- प्रथम स्थान
  2. महाराष्ट्र- द्वितीय स्थान (ऋतुआगमन)

सब्जी-

उत्पादन-

  1. पश्चिम बंगाल- प्रथम स्थान

तम्बाकू-

उत्पादन-

  1. आंध्रप्रदेश- प्रथम स्थान
  2. गुजरात- द्वितीय स्थान

मसाला-

उत्पादन-

गुजरात- प्रथम स्थान

मसालों का राज्य- केरल

केला उत्पादन में प्रथम स्थान- तमिलनाडु (जलगांव)

सेव उत्पादन में प्रथम स्थान- जम्मू कश्मीर (बारामूला)

समस्त फलों में-

  • चीन- प्रथम स्थान
  • भारत- दूसरा स्थान

विश्व में कृषि के विशेष प्रकार

  • विटीकल्चर- अंगूरों की व्यापारिक स्तर पर उत्पादन।
  • पीसीकल्चर अथवा एक्वाकल्चर- व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली मछली पालन की क्रिया।
  • सेरीकल्चर- रेशम उत्पादन की क्रिया, जिसमें शहतूत आदि की कृषि भी सम्मिलित है।
  • हॉर्टीकल्चर- व्यापारिक स्तर पर किया जाने वाला विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन।
  • ओलिवीकल्चर- व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली जैतून की कृषि।
  • एपीकल्चर- व्यापारिक स्तर पर शहद उत्पादन हेतु मधुमक्खी (मोंन) पालन।
  • फ्लोरीकल्चर- व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली फूलों की कृषि।
  • सिल्वीकल्चर- वनों के संरक्षण एवं संवर्द्धन से सम्बंधित क्रिया।
  • ओलेरीकल्चर- जमीन पर फैलने वाली सब्जियों की व्यापारिक कृषि।
  • मेरीकल्चर- व्यापारिक उद्देश्य से समुद्री जीवों के उत्पादन की क्रिया।
  • हॉर्सीकल्चर- व्यापारिक स्तर पर उन्नत प्रजाति के घोड़ों व खच्चरों का पालन।
  • वर्मीकल्चर- कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु केंचुआ पालन।
  • मोरीकल्चर- रेशम कीट हेतु शहतूत की कृषि।

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